छात्र नेताओं के आंदोलन पर विवि प्रशासन सख्त
संवाद सहयोगी, चंबा: छात्रनेताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने समेत विभिन्न मागों को लेकर श्रीदेव सुमन
संवाद सहयोगी, चंबा:
छात्रनेताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने समेत विभिन्न मागों को लेकर श्रीदेव सुमन विवि गेट के बाहर करीब दो माह से धरना दे रहे छात्र नेताओं का आंदोलन दिनोंदिन कमजोर पड़ता दिख रहा है। आंदोलन का विवि प्रशासन पर असर नहीं है। यही वजह है कि अभी तक छात्रनेताओं को विवि प्रशासन की ओर से मांगों पर ठोस आश्वासन तक नहीं मिला।
छात्र नेता बीते 18 सितंबर से श्रीदेव सुमन विवि बादशहीथौल गेट के बाहर धरना देकर आंदोलन कर रहें हैं। जिस उत्साह व रुचि के साथ छात्रों ने शुरूआती आंदोलन में भागीदारी की थी, वैसा अब देखने को नहीं मिल रहा है। धरनास्थल पर छात्रों की संख्या भी दिनोंदिन कम होती जा रही है। ऐसे में छात्रनेता आंदोलन के जरिए विवि प्रशासन पर दबाव नहीं बना पा रहें हैं। यही वजह है कि आंदोलन के 26 दिन बाद भी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं छात्रनेता इसे पंचायत चुनाव का कारण बता रहें हैं। उनका कहना है कि जल्द ही आंदोलन में अधिकाधिक छात्रनेता शामिल होंगे। ये हैं प्रमुख मांगें
-पांच छात्रनेताओं पर विवि प्रशासन की ओर से दर्ज मुकदमे वापस लिए जाए।
-विवि का परिसर जिला मुख्यालय के नजदीक बने व देहरादून के कैंप कार्यालय को बंद किया जाए।
- विवि के अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई नियुक्ति दी जाए। छात्रनेताओं की बढ़ी चिंता
विवि प्रशासन का मांगों पर वार्ता सफल नहीं होने से छात्रनेताओं की चिंता बढ़ गई है। छात्रनेता अब बगैर कार्रवाई के आंदोलन समाप्त भी नहीं कर सकते। वहीं विवि ने छात्रों की मांगों पर तो कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन कार्य बहिष्कार करने वाले 40 उपनल कर्मचारियों को इस बीच बाहर कर दिया। छात्रों पर दबाव बनाने के लिए विवि ने आंदोलन की शुरूआत में पांच छात्रनेताओं पर मुकदमें भी दर्ज करा दिए। छात्रनेता विवि के अंदर आंदोलन न कर सकें इसके लिए उच्च न्यायालय से पुलिस को आदेश जारी कराए। विवि प्रशासन शुरू से ही छात्रनेताओं पर दबाव बनाने में सफल रहा और छात्रों का आंदोलन कमजोर पड़ता गया।
पंचायत चुनाव होने के कारण छात्रनेता ज्यादा गतिविधियां नहीं कर पाए हैं। केवल धरना ही जारी है, लेकिन अब आंदोलन तेज किया जाएगा। विवि की मनमानी नहीं होने दी जाएगी।
प्रशांत उनियाल, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष, श्रीदेव सुमन विवि अधिकांश छात्र नेता पंचायत चुनाव लड़ रहे थे, इसलिए वे आंदोलन में भागीदारी नहीं कर पाए, लेकिन अब आंदोलन को फिर से गति दी जाएगी। मांगें पूरी होने के बाद ही आंदोलन समाप्त होगा।
शक्ति प्रसाद जोशी, अध्यक्ष, विश्वविद्यालय बनाओ संघर्ष समिति छात्र नेताओं से वार्ता की गई, लेकिन वे नही माने। फिर भी उनकी जो जायज मांग होगी, उस पर कार्रवाई की जाएगी, इसलिए उन्हें आंदोलन समाप्त करना चाहिए।
डॉ. यूएस रावत, कुलपति श्रीदेव सुमन विवि