टिहरी-उत्तरकाशी मार्ग पर मुजफ्फरनगर के पर्यटकों की कार खाई में गिरी, दंपती की मौत; तीन घायल
Road Accident In Tehri मसूरी और धनोल्टी घूमने आए पर्यटकों की कार टिहरी-उत्तरकाशी मार्ग पर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में दंपति की मौत हो गई जबकि तीन पर्यटक घायल हुए हैं। पुलिस ने सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया है।
जागरण संवाददाता, नई टिहरी। Road Accident In Tehri मुजफ्फरनगर से टिहरी घूमने आए पर्यटकों की कार टिहरी झील के पास सिरांई गांव के नजदीक खाई में गिरने से दंपती की मौत हो गई। जबकि, उनके बेटे सहित दो अन्य घायल हो गए। सोमवार रात लगभग नौ बजे टिहरी झील डोबरा- चांठी पुल के पास यह दुर्घटना हुई। पर्यटकों की कार अनियंत्रित होकर 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। स्थानीय निवासियों की मदद से पुलिस ने कार सवारों को खाई से निकाला। कार सवार मोनिका सिंघल निवासी जानसठ रोड लक्ष्मण वी कम्बलवालाबाग मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल उनके पति अजय सिंघल की जौलीग्रांट स्थित हिमालयन अस्पताल ले जाते वक्त मौत हो गई।
उनके बेटे शौर्य, दोस्त के बेटे शौयांस को जिला अस्पताल टिहरी में भर्ती कराया गया है। वाहन चालक प्रमोद पाल को हल्की चोट आई हैं। नई टिहरी कोतवाल केके टम्टा ने बताया कि अजय सिंघल अपने दोस्तों और स्वजनों के साथ मुजफ्फरनगर से टिहरी धनोल्टी घूमने आए थे। सोमवार को वह धनोल्टी से डोबरा- चांठी पुल घूमने के बाद वापस घार लौट रहे थे।
हाथी सुरक्षा दीवार बनवाने की मांग
कोटद्वार के भाबर क्षेत्र के अंतर्गत पश्चिमी झंडीचौड़ के वाशिंदों ने क्षेत्र में हाथी सुरक्षा दीवार बनवाने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि आए दिन जंगली जानवर आबादी में घुसकर काश्तकारों की फसल बर्बाद कर रहे हैं। झंडीचौड़ क्षेत्र का अधिकांश भाग जंगल से सटा हुआ है। ऐसे में आए दिन जंगली जानवर आबादी में पहुंच रहे हैं। पार्षद सुखपाल शाह ने बताया कि वह हाथी सुरक्षा दीवार बनवाने के लिए कई बार वन विभाग के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को पत्र भेज चुके हैं, लेकिन आज तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। फसल बर्बाद होने से काश्तकारों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। दो दिन पूर्व भी जंगली सुअरों ने पुष्पा देवी, दमयंती देवी, सतीश चंद्र के खेतों में खड़ी गेहूं की फसल बर्बाद कर दी थी। जानवरों के डर से कई किसानों ने खेती करना छोड़ दिया है।
यह भी पढ़ें- ऋषिकेश: चालक की खुद की जान गई, पर बचा लीं 14 जिंदगियां; पहाड़ी रास्ते पर ऐसे दिखाई थी सूझबूझ