खोखले साबित हो रहे गंगा को स्वच्छ रखने के दावे
संवाद सूत्र, देवप्रयाग: राष्ट्रीय नदी गंगा को स्वच्छ रखने के दावे तीर्थनगरी देवप्रयाग में खोखले साबि
संवाद सूत्र, देवप्रयाग: राष्ट्रीय नदी गंगा को स्वच्छ रखने के दावे तीर्थनगरी देवप्रयाग में खोखले साबित हो रहे हैं। थोड़ी बारिश शुरू होते ही नगर स्थित सीवरेज योजना की हकीकत सामने आने लगी है। गंगा नदी से महज 20 मीटर ऊपर बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट एसटीपी से सीवरेज ओवर फ्लो होकर सीधे नदी में गिर रहा है। नगर में सीवरेज योजना के तहत संगम बाजार से सटकर बने इस एसटीपी प्लांट से सीवरेज का पानी ओवर फ्लो होकर सीधे भागीरथी नदी में गिर रहा है।
राज्य कार्यक्रम प्रबंधन ग्रुप के आकड़ों के अनुसार देवप्रयाग नगर के सभी आठ नालों को टैप कर एसटीपी से जोड़ दिया है जबकि हकीकत कुछ और ही है। अभी तक केवल तहसील क्षेत्र के नालों को ही इस एसटीपी से जोड़ा है। नगर के तीन नालों और मंदिर मोहल्ले से इसे जोड़ा जाना अभी शेष है, जिन नालों को सीवरेज योजना के तहत जोड़ा था उनको लेकर विभाग की ओर से बनाए सीवरेज टैंक और एसटीपी की पोल क्षेत्र में हुई हल्की बारिश ने ही खोल दी है। यहां बने तीन टैंकों से सीवरेज ओवर फ्लो होकर नदी में गिरना शुरू गए हैं। सीवरेज को फिल्टर करने के लिए संगम मार्केट के निकट बना 150 केएलडी का एसटीपी प्लांट अक्षम साबित हो रहा है। नगरवासी दुर्गेश पंचपुरी, भगवती प्रसाद, विद्यार्थी पालीवाल, सुशांत बडोला का कहना है करीब 11 करोड़ खर्च होने के बाद भी गंगा तीर्थ देवप्रयाग में सीवरेज की ठोस व्यवस्था नहीं बन पायी है। नगरवासियों ने देवप्रयाग तीर्थ के लिए बनी करोड़ों की सीवरेज योजना की जांच की मांग की है। नगरवासियों का कहना है कि विभाग ने क्यों रामकुंड में बने 1.4 एमएलडी की भारी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से पूरे नगर को न जोड़कर महज 225 केएलडी क्षमता के दो एसटीपी से जोड़ा गया है। रामकुंड में बने प्लांट में पर्याप्त सीवरेज नहीं पहुंचने से वह कारगर नहीं हो पा रहा है। वहीं कम क्षमता के एसटीपी से सीवरेज ओवर फ्लो होकर सीधे संगमस्थल पर पहुंच रहा है। ऐसे में भारत भर से आने वाले यात्री संगम स्थल से गंगाजल ले जाने में भी झिझक रहे हैं। गंगा संगम से महज सौ मीटर की दूरी पर एसटीपी निर्माण करने को लेकर तीर्थपुरोहितों सहित क्षेत्रीय जनता द्वारा भारी विरोध भी किया था मगर विभाग ने जनता की एक नहीं सुनी। -नगर के नालों को टेप किया है, जिस कारण बारिश का पानी भी नालों से सीधे एसटीपी में आ रहा है और ओवर फ्लो हो रहा है
वीरेंद्र भट्ट
सहायक अभियंता, जल निगम, श्रीनगर।