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यहां बसा तितलियों का संसार बना शोध केंद्र, इतनी प्रजातियों का कर सकते हैं दीदार

टिहरी के देवलसारी में बसा तितलियों का संसार अब शोध केंद्र बनता जा रहा है। यहां बड़े बड़े स्कूलों के छात्र और छात्राएं तितलियों और पक्षियों शोध करते हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 02:59 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 02:59 PM (IST)
यहां बसा तितलियों का संसार बना शोध केंद्र, इतनी प्रजातियों का कर सकते हैं दीदार
यहां बसा तितलियों का संसार बना शोध केंद्र, इतनी प्रजातियों का कर सकते हैं दीदार

नई टिहरी, [जेएनएन]: देवलसारी में तितलियों का संसार बसा हुआ है। यहां करीब दो सौ प्रजाति की तितलियों का दीदार कर सकते हैं। जिसके चलते अब यहां नामी स्कूलों के छात्रों का रुझान बढ़ रहा है। यह संस्थान शोध का केंद्र बन गया है। छात्र और शोध करने वाले यहां तितलियों और पक्षियों के बारे में जानकारी लने के साथ ही इस पर शोध भी करते हैं। 

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देहरादून के प्रसिद्ध स्कूल वेल्हम गर्ल्स स्कूल की छात्राएं एक नवंबर से चार नवंबर तक यहां मधुमक्खी और तितलियों के बारे में जानकारी लेंगे। अभी तक यहां पर दून स्कूल देहरादून, वुड स्टॉक स्कूल मसूरी, एफआरआइ देहरादून सहित देश के अन्य प्रांतों से भी छात्र तितलियों व यहां की जैव विविधता के बारे में जानकारी ले चुके हैं। 

देवलसारी जिले का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। इस स्थल की विशेषता यह है कि यहां पर दो सौ से अधिक तितलियों की प्रजाति व करीब डेढ़ सौ पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं, जिस कारण यह पर्यटक स्थल अन्य पर्यटक स्थलों से महत्वपूर्ण हैं। यहां पर सबसे ज्यादा प्रकृति प्रेमी व छात्रों का दल इन तितलियों व पक्षियों के बारे में जानकारी लेने समय-समय पर पहुंचता है। अभी कुछ माह पूर्व देवलसारी पर्यावरण एवं विकास संस्थान की ओर से तीन दिवसीय तितली महोत्सव का आयोजन भी किया गया था, जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों से पर्यटक, प्रकृति प्रेमी व शोध करने वाले छात्र यहां पहुंचे थे। 

विज्ञान के छात्र शोध के लिए समय-समय पर यहां आते हैं। इस बार देहरादून का प्रसिद्ध वेल्हम गर्ल्स स्कूल की छात्राओं का दल एक नवंबर को यहां पहुंचा। जिसने चार दिनों तक यहां मधुमक्खी और तितलियों के बारे में जानकारी लेकर अध्ययन किया। इसके अलावा छात्रों ने जैव विविधता के बारे में भी जानकारी ली। अभी तक यहां पर दून स्कूल, वुड स्टॉक सहित कई अन्य विद्यालयों के छात्रों के दल यहां पहुंचकर तितलियों व पक्षियों के अलावा मधुमक्खी उत्पादन के बारे में जानकारी ले चुके हैं। देवलसारी पर्यावरण एवं विकास संस्थान मधुमक्खी पालन व शहद उत्पादन पर कार्य कर रहा है। 

देवलसारी पर्यावरण एवं विकास संस्थान के निदेशक अरुण गौड़ ने बताया कि यहां पर तितलियों और पक्षियों की विभिन्न प्रजाति पाई जाती है। इनके बारे में जानकारी लेने के लिए समय-समय पर देश के विभिन्न जगह से छात्रों का दल व शोध करने वाले छात्र पहुंचते हैं। 

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