समस्याओं का निराकरण न होने पर क्षेत्रवासी करेंगे आंदोलन
क्षेत्र की समस्याओं को लेकर नैनबाग में सर्वदलीय बैठक में स्वास्थ्य शिक्षा व तकनीकी शिक्षा को लेकर चर्चा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि समस्याओं को लेकर एक शिष्टमंडल शीघ्र जिलाधिकारी से मिलेगा।
संवाद सूत्र, नैनबाग: क्षेत्र की समस्याओं को लेकर नैनबाग में सर्वदलीय बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा व तकनीकी शिक्षा को लेकर चर्चा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि समस्याओं को लेकर एक शिष्टमंडल शीघ्र जिलाधिकारी से मिलेगा। इसके बाद भी समस्या हल न होने पर स्थानीय निवासी आंदोलन को बाध्य होंगे।
सोमवार को सांस्कृतिक मंच नैनबाग में सर्वदलीय बैठक पूर्व जेष्ठ प्रमुख इंद्रदेव डोभाल की अध्यक्षता में हुई। इंद्रदेव डोभाल का कहना है कि अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नैनबाग के उच्चीकरण की स्थानीय निवासी डेढ़ दशक से मांग कर रहे हैं। लेकिन शासन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। वहीं राजकीय महाविद्यालय नैनबाग में 12 सालों से स्नातकोत्तर की कक्षाएं शुरू करने की मांग की जा रही है। उच्च शिक्षा मंत्री व क्षेत्र विधायक ने आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं हुई।
बैठक में इंद्रदेव डोभाल, गजे सिंह पवार, दीवान सिंह रावत, विक्रम सिंह चौहान, प्रधान प्रवीन चौहान, प्रधान विरेन्द्र तोमर, दिनेश तोमर अध्यक्ष व्यापार मंडल, गीता राम, संदीप सिंह, रामप्रसाद विजल्वाण, रणवीर रावत, नरेंद्र सिंह पंवार, अजीत रावत आदि मौजूद थे। भिलंगना की नहरों की मरम्मत के लिए 20 करोड़ की मांग
संवाद सहयोगी, नई टिहरी: घनसाली के पूर्व विधायक भीमलाल आर्य ने भिलंगना ब्लाक की सिचाई नहरों के पुनर्निर्माण के लिए 20 करोड़ का आर्थिक पैकेज देने की मांग की। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
ज्ञापन में पूर्व विधायक भीमलाल आर्य ने कहा कि घनसाली विधानसभा क्षेत्र में 75 प्रतिशत सिचित भूमि है। वर्तमान में केमर नहर सहित कोटीफगुल, भिलंग, नैलचामी, ग्यारहगांव हिदाव बासर, केमर, थातीकठूड़, गोनगढ़, आरगढ़ क्षेत्रों की सभी सिचाई नहरें पांच वर्षो से क्षतिग्रस्त हैं तथा नहरों में पानी नहीं आ रहा है। क्षेत्र की मुख्य आजीविका का एकमात्र साधन कृषि है। नहरों की मरम्मत की मांग को लेकर क्षेत्र की जनता आंदोलनरत है। पूर्व विधायक का कहना है कि उन्होंने कई बार शासन-प्रशासन व विभाग को भी अवगत कराया, लेकिन अभी तक इस दिशा में ठोस कार्य नहीं हो पाया है। उन्होंने सिचाई नहरों के पुनर्निर्माण के लिए 20 करोड़ का आर्थिक पैकेज देने की मांग की। कहा कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो क्षेत्र की जनता के साथ उन्हें आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा।