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बमणगांव में सिचाई का संकट, ग्रामीण मायूस

सिचाई के अभाव में बमणगांव के काश्तकारों की फसल सूखने की कगार पर पहुंच गई है जिस कारण काश्तकार मायूस हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 03:44 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 10:13 PM (IST)
बमणगांव में सिचाई का संकट, ग्रामीण मायूस
बमणगांव में सिचाई का संकट, ग्रामीण मायूस

संवाद सूत्र, नैनबाग: सिचाई के अभाव में बमणगांव के काश्तकारों की फसल सूखने की कगार पर पहुंच गई है जिस कारण काश्तकार मायूस हैं। वर्षो पुरानी सिचाई नहर जीर्णशीर्ण स्थिति में है। सिचाई के लिए यह नहर 35 साल पूर्व बनाई गई थी लेकिन वर्तमान में नहर खस्ताहाल स्थिति में है और इस पर पानी नहीं चल पा रहा है। काश्तकारों की करीब 500 सौ से अधिक सिचित भूमि है जिसमें धान की क्यारी के अलावा टमाटर, बीन की फसल सूख गई है। लंबे समय से बारिश भी न होने से ग्रामीण रोपाई भी शुरू नहीं कर पाए। काश्तकार सुरेश उनियाल ने बताया कि पुरानी नहर खस्ताहाल स्थिति में है लेकिन इस नहर की मरम्मत नहीं की गई है जिस कारण सिचाई के अभाव में नकदी फसल व धान की क्यारियां सूख गई और इस बार रोपाई का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने नहर मरम्मत किए जाने की मांग की है। इस संबंध में सिचाई विभाग केम्प्टी के सहायक अभियंता शिवराम जगूड़ी ने बताया कि जल्द ही स्थलीय निरीक्षण कर नहर की मरम्मत का कार्य शुरू किया जाएगा। फोटो 3एनडब्ल्यूटीपी 2

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