हनुमान ने जलाई सोने की लंका
संवाद सहयोगी नई टिहरी बौराड़ी स्टेडियम में चल रही रामलीला के पांचवे दिन राम के हनु
संवाद सहयोगी, नई टिहरी: बौराड़ी स्टेडियम में चल रही रामलीला के पांचवें दिन भगवान राम हनुमान से लंका में जाकर सीता की खोज करने का आग्रह करते हैं, जिस पर हनुमान लंका में प्रवेश करते हैं। इसके बाद हनुमान के लंका दहन का मंचन किया गया। इस दौरान दर्शकों ने भगवान राम के जयकारे लगाए।
रामलीला मंचन में पहले राम लक्ष्मण किष्कंधा पर्वत की ओर जाते हैं, जहां उनकी भेंट हनुमान से होती है। इसके बाद राम हनुमान से लंका जाकर सीता की खोज करने का आग्रह करते हैं, जिस पर हनुमान लंका प्रवेश करते हैं और सीता की आवाज सुनकर अशोक वाटिका की ओर जाते हैं। इतने में रावण का अशोक वाटिका में प्रवेश होता है, जिस पर हनुमान एक पेड़ पर चढ़ कर छिप जाते हैं। रावण के जाते ही हनुमान पेड़ से उतर आते हैं और सीता जी को अपना परिचय देकर श्री राम जी की मुद्रिका दिखाते हैं, जिसके बाद माता सीता हनुमान जी को चूड़ामणि देती हैं। वहीं हनुमान अशोक वाटिका से फल खाते हैं और वाटिका तहस-नहस कर देते हैं। इसके बाद मेघनाद हनुमान को नागफांस से बंदी बनाकर रावण दरबार में लाते हैं। रावण हनुमान का वध करने का आदेश देता है, लेकिन विभीषण रावण को ऐसा करने से रोकते हैं, तब रावण हनुमान की पूंछ में आग लगाने का आदेश देता है। राक्षस हनुमान की पूंछ में आग लगा देते हैं पूंछ पर आग लगने के बाद हनुमान रावण की लंका को जला देते हैं। इस दृश्य को देखकर मौजूद दर्शकों ने भगवान राम के जयकारे लगाए। इस मौके पर गिरीश घिल्डियाल, सच्चिदानंद पांडेय, कमल सिंह महर, सीमा पंत, महावीर उनियाल, देशभूषण जोशी, सुनील बधानी, मोहनदेव पाण्डेय, अंकित पांडेय, परमेश्वरी, सीताराम सैनी, आदित्य पंत, शिवकुमार विश्वकर्मा, आरती, अनुज पंत, निर्मल कुमार, नंदकुमार आदि मौजूद रहे।