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16 साल से हर चुनाव बन रहा 'वादों का पुल'

शैलेंद्र भट्ट, कंडीसौड़ अक्टूबर 2005 में टिहरी बांध झील भराव से भागीरथी पर बने छाम-बल्डोगी एवं स्या

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Dec 2021 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 16 Dec 2021 03:00 AM (IST)
16 साल से हर चुनाव बन रहा 'वादों का पुल'
16 साल से हर चुनाव बन रहा 'वादों का पुल'

शैलेंद्र भट्ट, कंडीसौड़

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अक्टूबर 2005 में टिहरी बांध झील भराव से भागीरथी पर बने छाम-बल्डोगी एवं स्यांसू-मणी झूला पुल जलमग्न हो गए थे। लेकिन, विडंबना देखिए कि इनके बदले 16 साल बाद भी पुलों का निर्माण नहीं किया गया है। ऐसा नहीं कि पुल को लेकर कभी चर्चा ही न हुई हो। झील के आरपार की लगभग 30 हजार प्रभावित जनता लगातार पुल निर्माण की मांग कर रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। हालांकि 2009 से चुनाव आते ही हर बार जन प्रतिनिधि पुल निर्माण का वादा जरूर करते हैं पर अफसोस चुनाव जीतने के बाद किसी ने पुल निर्माण की सुध नहीं ली।

जनता की लगातार मांग के बावजूद आज तक यहां पुल स्वीकृत नहीं हुए हैं। राजशाही काल से ही क्षेत्र की जनता भागीरथी पर बने छाम-बल्डोगी एवं स्यांसू-मणी झूला पुल से आवागमन करती रही है। जनता अब एक ही पुल निर्माण की मांग पर सहमत है। यह दोनों पुल टिहरी जनपद की धनोल्टी विधानसभा के थौलधार क्षेत्र एवं उत्तरकाशी जिले की यमुनोत्री विधानसभा के चिन्यालीसौड़ विकासखंड की दिचली और गमरी पट्टियों को जोड़ते थे। झीलभराव के बाद दोनों क्षेत्र आपस में कट गए हैं, जबकि दोनों क्षेत्रों की आपस में बड़ी संख्या में नाते-रिश्तेदारियां हैं। 2017 के चुनावों में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि भाजपा को जिताओ आपका पुल बन जाएगा। उसी का परिणाम था कि थौलधार क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी काफी मतों से आगे रहे थे। तब निर्दलीय प्रीतम सिंह पंवार जीते थे, जो अब भाजपा में शामिल हो गए हैं। यमुनोत्री क्षेत्र से भी भाजपा प्रत्याशी जीते थे, लेकिन पुल बनना तो दूर प्रयास भी शुरू नहीं हुए। झील के आर-पार के दर्जनों गांवों की नाते रिश्तेदारी, सामाजिक, व्यापारिक, सांस्कृतिक संबंध होने से निरंतर आवागमन बना रहता था। पुल के अभाव में क्षेत्र की जनता 40 किमी अतिरिक्त दूरी तय करने को मजबूर है। राज्य सरकार के प्रयास नहीं करने से पुल निर्माण के प्रति केंद्र सरकार एवं टीएचडीसी चैन की नींद सो रही है। एक बार फिर चुनाव की आहट शुरू हो गई है। 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री कंडीसौड़ आ रहे हैं। देखना है इस बार पुल निर्माण की घोषणा होती है या फिर कोई वादा होता है। इतना निश्चित है कि यह मुद्दा दो विधान सभा क्षेत्रों के लगभग 10-12 हजार मतदाताओं को प्रभावित करता है।

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पुल स्वीकृत नहीं होने से क्षेत्र की जनता को आवागमन की समस्या से जूझना पड़ रहा है, जबकि जनता लगातार इसकी मांग करती आ रही है। लेकिन, उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

शैला गुसाई, पूर्व क्षेपं सदस्य

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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने भी पिछले विधानसभा चुनाव में यहां पुल बनाने की बात कही थी जो हवा साबित हो रही है। पुल नहीं बनने से जनता में रोष बना है।

सुमेर सिंह पंवार, अध्यक्ष, व्यापार मंडल कंडीसौड़


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