डोली के दर्शन को श्रद्धालु उमड़े
संवाद सूत्र, देवप्रयाग: बाबा विश्वनाथ जगदीशिला रथयात्रा की डोली संगम पर गंगा स्नान के बाद जोशीमठ के
संवाद सूत्र, देवप्रयाग: बाबा विश्वनाथ जगदीशिला रथयात्रा की डोली संगम पर गंगा स्नान के बाद जोशीमठ के लिए रवाना हुई। वेदमंत्रों के साथ तीर्थपुरोहितों और क्षेत्रवासियों ने श्री रघुनाथ मंदिर में डोली का पूजन किया।
हरिद्वार से पूर्व काबीना मंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी की अगुवाई में शुरू हुई उत्तराखंड के देवतीर्थों के दर्शन की यह यात्रा दस हजार किलोमीटर की है। ढोल-नगाड़ों और निशानों के साथ तीर्थनगरी देवप्रयाग पहुंचते ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। यात्रा संयोजक नैथानी ने कहा कि उत्तराखंड के तीर्थो को पूरे देश में पहचान दिलाना यात्रा का उद्देश्य है। प्रदेश की तीर्थाटन नीति बननी चाहिए, जिससे यहां के विलुप्त तीर्थो का संरक्षण हो सके। साथ ही तीर्थस्थलों पर श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाएं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि डोली यात्रा के साथ जनसमस्याओं की जानकारी लेकर सरकार तक पहुंचने का भी लक्ष्य है। ऑलवेदर रोड के कारण बेरोजगार हो रहे लोगों का भी मुद्दा यात्रा के दौरान सामने आया है। प्रदेश सरकार की अधिकतर घोषणाएं धरातल पर नहीं उतरी हैं। उन्होंने तीर्थो के निकट संस्कृत विद्यालय स्थापित किए जाने पर भी जोर दिया। राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान की छात्राओं ने वेदमंत्रों से डोली का अभिषेक किया। इस मौके पर डोली यात्रा समिति अध्यक्ष रूप ¨सह बजियाला, पश्वा कुंवर ¨सह राणा, परमवीर पंवार, मनोज, चंद्र ¨सह रावत, रामप्रसाद, दिगंबर ¨सह, बलबीर ¨सह, लखपत ¨सह, सुरेश टोडरिया, जेपी जोशी, दुर्गेश सती, शोभित नौटियाल, अशोक कुमार सहित उत्तरकाशी के लोकवादक मनोज और राकेश शामिल थे। इससे पूर्व डोली यात्रा सिद्धपीठ चंद्रबदनी, जामनिखाल, पौडीखाल, पंचूुर, दुरोगी, बागेश्वर, आमाणी महड हो कर देवप्रयाग पहुंची।