कैम्पटी फाल में नहाने की सशर्त अनुमति, पुलिस ने झरने से दस फीट आगे रस्सी बांध किया सीमांकन
प्रसिद्ध पर्यटक स्थल कैम्पटी फाल में मंगलवार से पर्यटकों को नहाने की अनुमति दे दी गई है। पुलिस ने कैम्पटी फाल के झरने से लगभग दस फीट आगे एक रस्सी बांधकर पर्यटकों को सिर्फ बाहरी क्षेत्र में नहाने की अनुमति दी है।
संवाद सूत्र, नैनबाग। प्रसिद्ध पर्यटक स्थल कैम्पटी फाल में मंगलवार से पर्यटकों को नहाने की अनुमति दे दी गई है। पुलिस ने कैम्पटी फाल के झरने से लगभग दस फीट आगे एक रस्सी बांधकर पर्यटकों को सिर्फ बाहरी क्षेत्र में नहाने की अनुमति दी है। हालांकि अभी कैम्पटीफाल में नहाने के दौरान पत्थर आने का खतरा बना हुआ है।
बीती 11 जुलाई को बारिश से कैम्पटीफाल झरने में उफान के बाद मलबा आने से पुलिस ने पर्यटकों को झरने में नहाने की अनुमति पर प्रतिबंध लगा दिया था। भारी बारिश के चलते पत्थर व मिट्टी गिरने का खतरा बना हुआ था।
पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए 11 जुलाई से नहाने पर प्रतिबंध था। लेकिन मंगलवार को पानी साफ होने के बाद पुलिस ने झरने से दस फीट आगे एक रस्सी बांध कर पर्यटकों को सिर्फ बाहरी क्षेत्र में नहाने की अनुमति दी, जिसके बाद कुछ पर्यटक नहाने पहुंचे। हालांकि बरसात के कारण अभी झरने के नीचे नहाने में खतरा बना हुआ है।
पिछले कुछ दिनों से नहाने पर प्रतिबंध के बाद कैम्पटीफाल में रौनक गायब थी, लेकिन मंगलवार को पर्यटकों के आने के बाद रौनक लौटी। कैम्पटी थानाध्यक्ष नवीन चंद ने बताया कि झरने में अभी पत्थर आने का खतरा बना हुआ है। ऐसे में वहां पर रस्सी बांध कर सीमांकन किया गया है। रस्सी से आगे पर्यटकों को जाने की अनुमति नहीं है।
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लुणेटा में पेयजल स्रोत मलबे में दबा, पेयजल संकट
बरसात के कारण नई टिहरी श्रीनगर रोड पर भट्टकंडा गांव के लुणेटा तोक में प्राकृतिक पेयजल स्रोत दब गया है। जिस कारण ग्रामीणों को पेयजल किल्लत से जूझना पड़ रहा है। ग्राम प्रधान ने प्रशासन से पेयजल आपूर्ति सुचारू करवाने की मांग की है। भट्टकंडा प्रधान मधुबाला भट्ट ने बताया कि बीती रात भारी बरसात के कारण उनकी ग्राम सभा के लुणेटा तोक का प्राकृतिक पेयजल स्रोत मलबे में दब गया। जिस कारण वहां पर रहने वाले आठ परिवारों के लिए पेयजल संकट हो गया है। हैंडपंप भी 200 मीटर है। नई टिहरी- श्रीनगर राजमार्ग के निर्माण के बाद ही बरसात का पानी सड़क से नीचे तेज बहाव के साथ आ रहा है जिससे मलबा भी आया। मलबा आने के कारण लुणेटा निवासी शेर सिंह, रामगोपाल और कैलाश के मकानों को भी खतरा हो गया है। प्रशासन जल्द से जल्द मलबा हटाने और पेयजल स्रोत से पेयजल आपूर्ति सुचारू करवाने की व्यवस्था करे।