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सवर्णों के डर से गंगी के 30 दलितों ने गांव छोड़ा

टिहरी जिले में भिलंगना ब्लॉक के सुदूरवर्ती गांव गंगी में सवर्ण के डर के बाद तीन दलित परिवारों के लगभग 30 सदस्यों ने सोमवार को गांव छोड़ दिया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 05 Dec 2017 09:51 PM (IST)Updated: Wed, 06 Dec 2017 09:26 PM (IST)
सवर्णों के डर से गंगी के 30 दलितों ने गांव छोड़ा
सवर्णों के डर से गंगी के 30 दलितों ने गांव छोड़ा

टिहरी, [जेएनएन]: टिहरी जिले में भिलंगना ब्लॉक के सुदूरवर्ती गांव गंगी में सवर्ण और अनुसूचित जाति के परिवारों के बीच ढोल बजाने को लेकर विवाद खड़ा होने के बाद तीन दलित परिवारों के लगभग 30 सदस्यों ने सोमवार को गांव छोड़ दिया। इस विवाद को देखते हुए पुलिस ने दलित परिवारों को घनसाली के विकासखंड कार्यालय के कमरों में शरण दी है। 

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दोनों पक्षों की ओर से घनसाली थाना में एक-दूसरे के खिलाफ तहरीर दी गई है। उधर, जिलाधिकारी टिहरी सोनिका ने बताया कि मामले की जांच एसडीएम घनसाली चतर सिंह चौहान को सौंपी गई है। कहा कि एसी परिवारों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

घटनाक्रम की शुरुआत गंगी गांव के एक परिवार में आयोजित शादी समारोह से हुई। गांव के ही निवासी सहदर सिंह के परिवार में एक दिसंबर को शादी थी। इसमें गांव के ही एससी परिवार के राकेश लाल पुत्र सोहन लाल को ढोल बजाने के लिए बुलाया गया था। सूत्रों के अनुसार शादी समारोह में ढोल न बजाने पर दोनों पक्षों में विवाद हो गया और नौबत मारपीट तक जा पहुंची।

बताते हैं कि सवर्णों के डराने-धमकाने के बाद तीन एससी परिवारों के करीब 30 सदस्यों ने सोमवार को गांव छोड़ दिया। पुलिस ने उन्हें घनसाली के विकासखंड कार्यालय के कमरों में शरण दी है। उधर, सहदर सिंह के पुत्र मान सिंह ने घनसाली थाना में तहरीर देकर राकेश लाल पर उसके पिता से मारपीट का आरोप लगाया है। जबकि, अमर लाल और सोहन लाल की ओर से दी गई तहरीर में गांव के सवर्णों पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग, मारपीट और धमकी देने का आरोप लगाया गया है। थानाध्यक्ष घनसाली मोहम्मद अकरम ने बताया कि दोनों पक्षों की तहरीर के बाद मामले की जांच की जा रही है। इस सिलसिले पुलिस की टीम मंगलवार देर शाम गंगी गांव पहुंच गई। 

ग्रामीण (गंगी) मान सिंह पुत्र सहदर सिंह का कहना है कि राकेश लाल ने गांव की एक 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला के साथ अभद्रता की। इस पर हमारी ओर से उसे डांटा गया तो एससी परिवारों ने हंगामा खड़ा कर दिया।

ग्रामीण (गंगी) सोहन लाल व अमर लाल का कहना है कि सवर्णों ने हमें न सिर्फ डराया-धमकाया, बल्कि जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर देख लेने की धमकी भी दी। इसलिए हमें गांव छोड़ना पड़ा।

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