त्रियुगीनारायण में वामन द्वादशी मेले के साक्षी बने पांच हजार भक्त
संवाद सूत्र, फाटा (रुद्रप्रयाग): त्रियुगीनारायण में चल रहे तीन-दिवसीय वामन द्वादशी मेले के दूसरे
संवाद सूत्र, फाटा (रुद्रप्रयाग): त्रियुगीनारायण में चल रहे तीन-दिवसीय वामन द्वादशी मेले के दूसरे दिन पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान नारायण के दर्शन किए। इस अवसर पर भगवान नारायण के पश्वा ने दूर-दराज के क्षेत्रों से पहुंचे 40 दंपतियों को संतति सुख का आशीर्वाद दिया। सांध्य बेला में कलाकारों ने शिव-पार्वती विवाह के प्रथम भाग की प्रस्तुति के साथ लोक रंग की मनोहारी छटा बिखेरी। मेले का भव्य समापन आज होगा।
गुरुवार को भगवान नारायण की भोगमूर्ति को गर्भगृह से निकालकर सभामंडप में विराजमान किया गया था। जहां रातभर कीर्तन-भजन के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छटा बिखरी। शुक्रवार को पुजारी कल्पेश जमलोकी व अन्य पुजारियों ने भगवान नारायण की चार प्रहर की पूजा-अर्चना कर उन्हें भोग लगाया। फिर भोगमूर्ति को पंच स्नान कराकर आरती उतारी गई। इसके बाद शेरसी कानौटियाल परिवार भगवान नारायण व भैरवनाथ की भोग मूर्तियों को चांदी के थाल में सजाकर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ मंदिर के बाहर लाया। वैदिक मंत्रोच्चारण एवं गाजे-बाजों के साथ त्रियुगीनारायण मंदिर की 11 बार परिक्रमा की गई।
इस दौरान ग्रामीणों की जंगल से लाई गई मोरू की डाली को वहां स्थापित किया गया। फिर पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान नारायण के दर्शन किए। इस बार संतति की कामना लिए मेले में पहुंचे 40 दंपतियों को भगवान नारायण के पश्वा ने आशीर्वाद स्वरूप फल प्रदान किए। हवन के उपरांत भगवान नारायण व भैरवनाथ की मूर्तियों को वापसगर्भगृह में स्थापित किया गया। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष आशाराम भट्ट, शिव प्रसाद, अर¨वद जमलोकी, जगमोहन भट्ट, राजेश भट्ट, गिरीश चंद्र, महादेव प्रसाद, आशीष आदि उपस्थित रहे।