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रुद्रप्रयाग के किसानों को भा रही अदरक की खेती, जानिए इसके औषधीय गुण

रुद्रप्रयाग के किसान अदरक की खेती को लेकर अधिक उत्साहित नजर आ रहे हैं। इसी का नतीजा है कि उद्यान विभाग अभी तक 211 क्विंटल अदरक के बीजों को पचास फीसदी सब्सिडी पर वितरित कर चुका है।

By Edited By: Published: Fri, 22 May 2020 02:57 AM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 08:53 PM (IST)
रुद्रप्रयाग के किसानों को भा रही अदरक की खेती, जानिए इसके औषधीय गुण
रुद्रप्रयाग के किसानों को भा रही अदरक की खेती, जानिए इसके औषधीय गुण

रुद्रप्रयाग, जेएनएन। पिछले साल की तुलना में इस बार रुद्रप्रयाग के किसान अदरक की खेती को लेकर अधिक उत्साहित नजर आ रहे हैं। इसी का नतीजा है कि उद्यान विभाग अभी तक 211 क्विंटल अदरक के बीजों को पचास फीसदी सब्सिडी पर वितरित कर चुका है। किसानों में अदरक को लेकर इसलिए भी रुझान बढ़ा है, क्योंकि इसकी फसल को जंगली जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। 

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पहाड़ के किसान जंगली जानवरों के आतंक से बेहद परेशान है, बंदर और सूअर समेत अन्य जंगली जानवर प्रतिवर्ष बड़ी मात्रा फसलों को बर्बाद कर देते हैं। जंगली जानवरों से निजात पाने के लिए किसानों ने कई जगह अपनी परंपरागत खेती छोड़कर जैविक तरीके से अदरक की खेती करना शुरू किया है। उद्यान विभाग भी जिले में ऐसी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा दे रहा है, जिन्हें जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। 

पिछले वर्ष विभाग ने मात्र 90 क्विंटल अदरक का बीज वितरित किया था, जबकि इस वर्ष जिले के अगस्त्यमुनि, ऊखीमठ और जखोली ब्लॉक के किसानों की मांग के अनुसार दोगुने से ज्यादा बीज बांटे जा चुके हैं। इन बीजों को विभाग ने अपने उद्यान सचल केन्द्रों के माध्यम से लगभग पांच सौ किसानों को पचास फीसदी सब्सिडी पर वितरित भी कर दिया है। विभाग 45 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बीज उपलब्ध कर रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अगर अदरक का बंपर उत्पादन होता है तो इससे किसानों की आर्थिकी मजबूत तो होगी ही साथ ही अदरक की फसल को लेकर उनका प्रयोग भी सफल हो जाएगा।

खेती योग्य जलवायु और मिट्टी अदरक की खेती के लिए गर्म और नम जलवायु उपयुक्त है। समुद्र तट से 1500 मीटर तक की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इसकी पैदावार की जाती है। अदरक की खेती को ज्यादा पानी की जरूरत भी नहीं होती है। अदरक की बुआई करने के लिए उत्तम समय मई महीने का प्रथम पखवाड़ा और मानसून से पहले की वर्षा होती है। बुआई से पहले मिट्टी की ऊपरी सतह पर सूखे पत्तों को जलाते हैं जिससे खेत में पहले से मौजूद रोगों में कमी आती है फलस्वरूप उपज अधिक होती है।

बेहद फायदेमंद है अदरक 

-पाचन क्रिया रहती है दुरुस्त 

-सर्दी जुकाम में असरदार 

-अदरक का जूस गठिया में लाभदायक 

-कैंसर से बचाव में फायदेमंद 

-खून को पतला करने में कारगर 

-ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी में उपयोगी  

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रुद्रप्रयाग के जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में जिले में इस वर्ष अदरक के बीज की मांग दो गुना से अधिक रही। विभाग ने कुल 211 क्विंटल अदरक का बीज मंगाकर पचास प्रतिशत सब्सिडी देकर किसानों को मुहैया कराया है। इस बार जिले में अदरक का अच्छा उत्पादन होने की उम्मीद है। इसके अलावा समय-समय पर किसानों को विभिन्न प्रकार के सब्जियों के बीज और कीटनाशक दवाइयां भी सब्सिडी पर वितरित की जा रही है। 

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