शादी का झांसा देकर नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को दस साल की सजा
नाबालिग को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म के दोषी को जिला अदालत ने दस साल के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही साथ ही 1 लाख 40 हजार का जुर्माना भी लगाया।
रुद्रप्रयाग, जेएनएन। नाबालिग को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म के दोषी को जिला अदालत ने दस साल के कारावास की सजा सुनाई। जिला सत्र एवं न्यायाधीश हरीश कुमार गोयल ने फैसला सुनाते हुए दोषी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।
रुद्रप्रयाग जिले के जखोली विकासखंड की ग्राम सभा नाग पूर्वीयाणा के अरविंद सिंह पुत्र मदन सिंह पर आरोप था कि उसने पहले एक नाबालिग लड़की से फेसबुक पर दोस्ती की। गत 21 जनवरी 2018 को वह नाबालिग को शादी का झांसा देकर एक होटल में लेकर गया। जहां उसने दुष्कर्म किया और वह गर्भवती हो गई।
इसकी जानकारी जब अरविंद को लगी, तो वह युवती से किनारा करने लगा। वह विवाह से भी मुकर गया। इधर, जैसे ही समय गुजरता गया और माता-पिता को बेटी के गर्भवती होने की खबर लगी। इस पर नाबालिग ने सारी बातें माता-पिता को बता दीं।
6 अगस्त 2018 को पीड़िता ने थाना अगस्त्यमुनि में अरविंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने जांच के बाद अरविंद को जेल भेज दिया। अदालत में पीड़िता ने उसके साथ हुई घटना की पूरी जानकारी दे दी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान पीड़िता ने नारी निकेतन देहरादून में नवजात को जन्म दे दिया।
अरविंद ने नवजात को अपना होने से साफ इन्कार कर दिया। उसने कोर्ट से गुहार लगाई कि बच्चा उसका नहीं है, इसके लिए डीएनए जांच की मांग की। अदालत ने अभियुक्त की मांग पर डीएनए परीक्षण कराने का आदेश जारी किया। विधि विज्ञान प्रयोगशाला में परीक्षण रिपोर्ट में अरिवंद को नवजात का बाइलोजिकल पिता माना गया।
रिपोर्ट पक्ष में आने के बाद जिला सत्र एवं न्यायाधीश हरीश कुमार गोयल ने सभी पक्षों का अध्ययन करने एवं दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोषी को 10 वर्ष की सजा सुनाई। साथ ही 1 लाख 40 हजार का जुर्माना भी लगाया, जिसमें 1 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया। न्यायालय में पीड़िता की ओर से शासकीय अधिवक्ता केपी खन्ना ने की।
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