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रावल के एतराज के बाद ओंकारेश्वर मंदिर से हटाए गए ताम्रपत्र, सुबह किया गया शुद्धीकरण

केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग की मांग के अनुरूप ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में शुद्धीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 02:27 PM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 02:27 PM (IST)
रावल के एतराज के बाद ओंकारेश्वर मंदिर से हटाए गए ताम्रपत्र, सुबह किया गया शुद्धीकरण
रावल के एतराज के बाद ओंकारेश्वर मंदिर से हटाए गए ताम्रपत्र, सुबह किया गया शुद्धीकरण

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग की मांग के अनुरूप ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में शुद्धीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है। बता दें कि, तामपत्र मामले में के रावल ने ओंकारेश्वर मंदिर में बाबा केदार की उत्सव डोली को प्रवेश न करने देने की चेतावनी दी थी। इसके बाद मंदिर में विभिन्न स्थानों पर लगे सभी 19 ताम्रपत्र हटा दिए गए। गुरुवार सुबह विधि-विधान के साथ मंदिर का शुद्धीकरण किया गया और इसी के बाद बाबा की डोली शीतकालीन प्रवास के लिए मंदिर में प्रवेश के लिए पहुंची। रावल का कहना है कि प्रशासन और मंदिर समिति के अधिकारियों ने ताम्रपत्र मिलने के प्रकरण का एक सप्ताह के भीतर पर्दाफाश करने का भरोसा दिलाया है। 

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दरअसल, पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के परिसर में स्थित चंडिका देवी मंदिर, रावल गद्दी स्थल और उषा-अनिरुद्ध विवाह स्थल में बीते तीन सितंबर को छोटे-बड़े 19 ताम्रपत्र लगे मिले थे। इन सभी ताम्रपत्रों में हक-हकूक से संबंधित जानकारियां अंकित हैं। खास बात यह कि इन ताम्रपत्रों को इससे पहले कभी मंदिर में नहीं देखा गया था। मामले में मंदिर समिति की ओर से छह सितंबर को पुलिस में तहरीर दी गई, लेकिन अभी तक दोषियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी को लेकर बुधवार को केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग ने ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में स्थानीय पंचगाईं के ग्रामीणों, प्रशासन और मंदिर समिति के अधिकारी-कर्मचारियों की बैठक बुलाई थी। 

इस दौरान रावल ने कहा कि बाबा केदार के शीतकालीन गद्दीस्थल में धार्मिक परंपराओं के साथ छेड़छाड़ के बावजूद पुलिस-प्रशासन मौन बना हुआ है। जबकि, इस संबंध में वह मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को भी पत्र भेज चुके हैं। कहा कि धार्मिक परंपराओं से छेड़छाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं जाएगी और इसके लिए अगर उन्हें प्राण भी गंवाने पड़े तो वह सहर्ष तैयार हैं। 

रावल ने आगाह किया कि अगर देर रात तक ताम्रपत्र मिलने के मामले का पर्दाफाश न हुआ तो गुरुवार को बाबा केदार की उत्सव डोली को ओंकारेश्वर मंदिर में प्रवेश नहीं कराया जाएगा। साथ ही वह बेमियादी अनशन पर भी बैठ जाएंगे। उधर, रावल की चेतावनी के बाद प्रशासन की टीम एडीएम अरविंद पांडे ने नेतृत्व में पूरे दिन मंदिर में ही डेरा डाले रही। रावल और प्रशासन की टीम के बीच कई दौर की वार्ता भी हुई। नगर पंचायत ऊखीमठ के अध्यक्ष विजय राणा ने भी रावल के रुख से सहमति जताते हुए मामले में प्रशासन के स्तर से कार्रवाई न होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। 

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बाद में एडीएम अरविंद पांडे के साथ एसडीएम वरुण अग्रवाल और पुलिस उपाधीक्षक गणेश कोहली ने इस मामले से जुड़े तमाम पहलुओं की गहनता से पड़ताल की। उन्होंने मंदिर समिति के कर्मचारियों व स्थानीय लोगों से भी इस संबंध में बातचीत की। एडीएम पांडे ने रावल को भरोसा दिलाया कि इस प्रकरण का एक सप्ताह के भीतर पर्दाफाश कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि गुरुवार को शुद्धीकरण के बाद ही बाबा केदार की डोली को मंदिर में प्रवेश कराया जाएगा। इसके बाद ही रावल माने और प्रशासन और मंदिर समिति ने राहत की सांस ली। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि इस प्रकरण की गंभीरता से जांच की जा रही है। जल्द ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगी। 

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