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पालीटेक्निक संस्थान के अस्तित्व को बचाने के लिए आगे आए जनप्रतिनिधि

पॉलीटेक्निक संस्थान जखोली के साथ ही प्रदेश के 12 संस्थानों को बंद करने के आदेश के बाद जन अधिकार मंच ने जनप्रतिनिधियों से आगे आने की अपील की है। जिससे संस्थान के अस्तित्व को बचाया जा सके।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 06:15 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 06:10 AM (IST)
पालीटेक्निक संस्थान के अस्तित्व को बचाने के लिए आगे आए जनप्रतिनिधि
पालीटेक्निक संस्थान के अस्तित्व को बचाने के लिए आगे आए जनप्रतिनिधि

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: पॉलीटेक्निक संस्थान जखोली के साथ ही प्रदेश के 12 संस्थानों को बंद करने के आदेश के बाद जन अधिकार मंच ने जनप्रतिनिधियों से आगे आने की अपील की है। जिससे संस्थान के अस्तित्व को बचाया जा सके।

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जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने बताया कि जखोली पॉलीटेक्निक संस्थान के भवन पर चार करोड़ 66 लाख रुपये की धनराशि खर्च हो चुकी है, फिर भी सरकार ने इन पॉलीटेक्निक संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया है। सरकार प्रदेश के 12 पॉलीटेक्निक संस्थानों में महाविद्यालय संचालित करने की तैयारी कर रही है।

सरकार के फैसले से इन संस्थानों में पढ़ाने वाले करीब 250 संविदा शिक्षक बेरोजगारी की कगार पर पहुंच गए हैं। सरकार की मंशा बंद हो चुके पॉलिटेक्निक के भवनों में डिग्री कॉलेज चलाने की है। हालांकि इन भवनों में डिग्री कॉलेज चल पाएंगे या नहीं, इस पर भी संशय बना है। जखोली में संस्थान का भवन बनकर लगभग तैयार होने को है। यानी सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर ढांचा तो खड़ा कर रही है, लेकिन आधारभूत सुविधाएं नहीं जुटा पा रही है। उन्होंने इस संस्थान के अस्तित्व को बचाने के लिए जिले के सभी जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से आगे आने की अपील की है।


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