तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ में खत्म किया धरना
प्रशासन व पुलिस अधिकारियों से वार्ता व लिखित आश्वासन के बाद तीर्थ पुरोहितों का केदारनाथ में चल रहा धरना शुक्रवार को खत्म हो गया।
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: प्रशासन व पुलिस अधिकारियों से वार्ता व लिखित आश्वासन के बाद तीर्थ पुरोहितों का केदारनाथ में चल रहा धरना शुक्रवार को खत्म हो गया। वे पिछले 49 दिन से उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड व केदारनाथ मास्टर प्लान के विरोध में धरना दे रहे थे। प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया है कि बिना तीर्थ पुरोहितों की सहमति के मास्टर प्लान के तहत उनकी भूमि व भवन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। वहीं, देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीर्थ पुरोहितों का धरना ऊखीमठ स्थित भोलेश्वर मंदिर में जारी रहेगा।
देवस्थानम बोर्ड की ओर से केदारनाथ मंदिर परिसर के 200 मीटर दायरे में धरना-प्रदर्शन पर पूरी तरह रोक लगाने के बाद प्रशासन की ओर अपर जिलाधिकारी रामजी शरण शर्मा को केदारनाथ भेजा गया। उन्होंने आंदोलनरत तीर्थ पुरोहितों से लगभग दो घंटे तक विभिन्न मुद्दों पर वार्ता की। केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लिए बगैर उनकी भूमि, भवन व दुकानों को न तो छेड़ा जाए, न उनका अधिग्रहण ही किया जाए। साथ ही यात्राकाल में भी प्रशासन उनके भवनों को अधिग्रहीत नहीं करेगा। कहा कि अगर, शासन-प्रशासन तीर्थ पुरोहितों की बातों को मानता है तो वे आंदोलन खत्म करने के साथ ही केदारनाथ यात्रा सुचारू रखने में हरसंभव सहयोग देंगे।
तीर्थ पुरोहितों ने यह भी कहा कि देवस्थानम बोर्ड के विरोध में ऊखीमठ के भोलेश्वर मंदिर में धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक कि सरकार उनकी मांगें नहीं मान लेती। उन्होंने आगाह किया कि यदि सरकार अपने लिखित आश्वासन से हटकर कोई निर्णय लेती है तो आंदोलन व्यापक स्तर पर शुरू कर दिया जाएगा। इस मौके पर राजेंद्र प्रसाद तिवारी, चिमन लाल शुक्ला, अरुण बगवाड़ी, सौरभ शुक्ला, साकेत बगवाड़ी, नवीन बगवाड़ी आदि तीर्थ पुरोहित मौजूद थे।