श्राइन बोर्ड के गठन को लेकर थम नहीं रहा विरोध
जागरण टीम गढ़वाल श्राइन बोर्ड के गठन को लेकर तीर्थ पुरोहितों और हकहकूकधारियों का
जागरण टीम, गढ़वाल: श्राइन बोर्ड के गठन को लेकर तीर्थ पुरोहितों और हकहकूकधारियों का विरोध थम नहीं रहा है। सिमली में डिमरी पुजारियों ने सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ किया।
रुद्रप्रयाग: भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में स्थित बाराही मंदिर को प्रस्तावित श्राइन बोर्ड में शामिल किए जाने का डंगवाड़ी गांव के ग्रामीणों ने विरोध किया है। गांव निवासी लक्ष्मी प्रसाद भट्ट, चंडी प्रसाद, अर्जुन रावत, मुकेश शैव का कहना है कि इस मंदिर के साथ ग्रामीणों के हकहकूक जुड़े हुए हैं। पौराणिक परंपरा के अनुसार आज भी ग्रामीणों के पांडव नृत्य के अस्त्र-शस्त्र यहां हैं, जिनकी नियमित तौर पर पूजा-अर्चना की जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार बिना किसी बातचीत के इस मंदिर को श्राइन बोर्ड में शामिल करती है, तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। यहां तक कि ग्रामीण धरना-प्रदर्शन के लिए भी मजबूर होंगे।
सिमली: प्रदेश सरकार के श्री बदरीनाथ मंदिर को श्राइन बोर्ड के अधीन किए जाने के फैसले के विरोध में सोमवार को डिम्मर के हकहकूकधारी और डिमरी पुजारियों ने शिवालय टटासू मंदिर में सरकार की बुद्धि-शुद्धि को यज्ञ किया। सरकार के श्राइन बोर्ड गठन को गलत ठहराते हुए पुजारियों ने कहा कि इससे प्राचीन काल से चली आ रही डिमरी समुदाय के हक-हकूकों पर असर पड़ेगा और यदि सरकार पूर्व की भांति मंदिर में व्यवस्था लागू करने को नहीं कहती है तो आदोलन को उग्र किया जाएगा। इस अवसर पर टटेश्वर महादेव मंदिर पुजारी योगेश्वरानंद महाराज, भुवनेश्वर प्रसाद, शैलेंद्र डिमरी, महेश चंद्र, जगदीश प्रसाद, टीका प्रसाद, गोवर्द्धन प्रसाद, संजय, अरूण डिमरी आदि मौजूद थे। इससे पूर्व डिमरी पुजारियों ने चंडिका देवी मंदिर में क्षेत्र की सुख-समृद्धि की कामना को लेकर मंदिर में नए अनाज का भोग लगाते हुए पूजा में भाग लिया।