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पिंकी के हौसले से हार गई जिंदगी की मुश्किलें, कुछ इस तरह दूसरों के लिए भी बनीं प्रेरणा

रुद्रप्रयाग जिले के सीमांत गांव त्रियुगीनारायण निवासी पिंकी देवी ने। पति की मौत के बाद आर्थिक संकट का सामना करने वाली पिंकी न केवल स्वयं स्वरोजगार के जरिये आत्मनिर्भर बनीं बल्कि गांव और आसपास की अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही हैं।

By Edited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 10:03 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 10:22 PM (IST)
पिंकी के हौसले से हार गई जिंदगी की मुश्किलें, कुछ इस तरह दूसरों के लिए भी बनीं प्रेरणा
पिंकी के हौसले से हार गई जिंदगी की मुश्किलें।

रुद्रप्रयाग, जेएनएन। हौसला और हिम्मत है तो जीवन के कठिन वक्त में मेहनत के बल पर सफलता की इबारत लिखी जा सकती है। कुछ ऐसी ही मिसाल पेश की है रुद्रप्रयाग जिले के सीमांत गांव त्रियुगीनारायण निवासी पिंकी देवी ने। पति की मौत के बाद आर्थिक संकट का सामना करने वाली पिंकी न केवल स्वयं स्वरोजगार के जरिये आत्मनिर्भर बनीं, बल्कि गांव और आसपास की अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही हैं। पिंकी के कार्यों से प्रभावित होकर जिला प्रशासन भी उन्हें सम्मानित कर चुका है। 

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मूलरूप से ऊखीमठ ब्लॉक के सारी गांव निवासी पिंकी का विवाह वर्ष 2010 में त्रियुगीनारयण गांव के भुवनेश गैरोला से हुआ था। वर्ष 2017 में किडनी की परेशानी के चलते पिंकी के पति की मौत हो गई। हालांकि, उसने बीमार पति को बचाने के लिए अपनी एक किडनी भी दी थी, लेकिन फिर भी पति की जान नहीं बच सकी। इस दुखद घटना के बाद बुजुर्ग सास ससुर, ननद के भरण पोषण की जिम्मेदारी पिंकी पर आ गई। इसके बाद खेती-बाड़ी और पशुपालन के साथ पिंकी ने स्वरोजगार का रास्ता अपनाया और रिंगाल से गुलदस्ते, फूलदान और झूमर बनाने का कार्य शुरू किया, जो उनकी आय का जरिया बन गया और वह अपने परिवार के भरण पोषण की जिम्मेदारी बखूबी उठाने लगी। 

महिलाओं के लिए बनी प्रेरणा 

अपने काम के प्रति पिंकी की लगन और मेहनत का ही नतीजा है कि उनसे प्रेरणा लेकर आज आसपास के गांवों की 12 से अधिक महिलाएं भी स्वरोजगार अपनाकर फूलदान, झूमर, और सजावटी गुलदस्ते बनाने का काम कर रहीं हैं। उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराएगा प्रशासन रुद्रप्रयाग जिले के मुख्य विकास अधिकारी भरत चंद भट्ट ने पिंकी के कार्यों देखते हुए त्रियुगीनारायण गांव जाकर पिंकी से मुलाकात कर उनके उत्पादों के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने पिंकी और अन्य महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की बिक्री स्वयं सहायता समूह के माध्यम से कराने का आश्वासन भी दिया। 

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साथ ही सीडीओ आश्वासन दिया कि पिंकी देवी द्वारा तैयार किए जा रहे हस्तशिल्प उत्पादों को आजीविका मिशन के माध्यम से स्थानीय स्तर पर बाजार मुहैया कराया जाएगा। पर्यटकों की पसंद बने उत्पाद त्रियुगीनारायण आने वाले पर्यटक स्थानीय स्तर पर तैयार किए जाने वाले हस्तशिल्प उत्पाद खूब पसंद करते हैं। अपने साथ त्रियुगीनारायण की यादगार के तौर पर वह रिंगाल से बने गुलदस्ते, टोकरी और अन्य हस्तशिल्प उत्पाद ले जाते हैं। पिंकी बताती हैं कि लॉकडाउन में यात्रा बंद होने से थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन अब अनलॉक शुरू होने के बाद पर्यटक आने लगे हैं। इससे एक बार फिर उनके उत्पादों की बिक्री हो रही है। अभी वह लगभग आठ हजार रुपये प्रतिमाह इनकम कर लेती हैं।

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