द्वितीय व चतुर्थ केदार के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू
पंचकेदार में द्वितीय भगवान मध्यमेश्वर धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में शुरू हुई। रविवार को प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग ने पूजा-अर्चना के बाद बाबा मध्यमेश्वर को नवान्न का भोग लगाया।
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: पंचकेदार में द्वितीय भगवान मध्यमेश्वर धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में शुरू हुई। रविवार को प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग ने पूजा-अर्चना के बाद बाबा मध्यमेश्वर को नवान्न का भोग लगाया। धाम के कपाट 19 मई को दोपहर 12 बजे खोले जाएंगे। जबकि, चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ धाम के कपाट 19 मई को सुबह आठ बजे खोले जाएंगे।
ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में सुबह पूजा-अर्चना के बाद केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिग की अगुआई में बाबा मध्यमेश्वर की भोग मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह से सभामंडप में लाया गया। फिर मध्यमेश्वर धाम के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग ने भोग मूर्ति का अभिषेक कर आरती उतारी। नवान्न का भोग लगने के बाद सैकड़ों भक्तों ने बाबा के दर्शन किए। बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली 17 मई को ओंकारेश्वर मंदिर से रवाना होकर रात्रि प्रवास के लिए रांसी स्थित राकेश्वरी मंदिर पहुंचेगी। 18 मई को डोली सीमांत गांव गौंडार और 19 मई को मध्यमेश्वर धाम पहुंचेगी और इसके बाद मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे।
उधर: चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया बाबा के शीतकालीन गद्दीस्थल गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर में शुरू हुई। सुबह पूजा-अर्चना के बाद बाबा रुद्रनाथ की भोग मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह से मंदिर परिसर में लाया गया। रुद्रनाथ धाम के मुख्य पुजारी हरीश भट्ट ने बताया कि बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली 17 मई को गोपीनाथ मंदिर से प्रस्थान कर ल्वींठी बुग्याल और 18 मई को रुद्रनाथ धाम पहुंचेगी। 19 मई को सुबह आठ बजे मंदिर के कपाट खोले जाएंगे।