Move to Jagran APP

केदारपुरी में प्राकृतिक गुफाओं से छेड़छाड़ का साधु-संत व तीर्थ पुरोहित ने किया विरोध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारपुरी में ध्यान गुफाओं के नए रूप में निर्माण का साधु-संत व तीर्थ पुरोहित कड़ा विरोध कर रहे हैं।

By Edited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 12:11 PM (IST)
केदारपुरी में प्राकृतिक गुफाओं से छेड़छाड़ का साधु-संत व तीर्थ पुरोहित ने किया विरोध
केदारपुरी में प्राकृतिक गुफाओं से छेड़छाड़ का साधु-संत व तीर्थ पुरोहित ने किया विरोध

रुद्रप्रयाग, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारपुरी में ध्यान गुफाओं के नए रूप में निर्माण का साधु-संत व तीर्थ पुरोहित कड़ा विरोध कर रहे हैं। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केदारपुरी की पहाड़ियों पर स्थित प्राकृतिक गुफाएं साधु-संतों की साधना स्थली रही हैं। ऐसे में इन गुफाओं से छेड़छाड़ कर इन्हें आधुनिक स्वरूप दिया जाना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। यह उच्च हिमालय के भूगोल के अनुरूप भी नहीं है।

loksabha election banner

केदारपुरी में मंदिर से 1.5 किमी दूर बायें ओर की पहाड़ी पर रुद्र गुफा नाम से एक गुफा का पहले ही निर्माण हो चुका है। इसमें 18 मई 2019 को प्रधानमंत्री ने भी साधना की थी। जबकि, मंदिर के ठीक सामने दुग्ध गंगा वाली पहाड़ी पर इन दिनों तीन प्राकृतिक गुफाओं के नए रूप में निर्माण का कार्य चल रहा है। साधु-संत व तीर्थ पुरोहित इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि नवनिर्माण के नाम पर प्राकृतिक गुफाओं से छेड़छाड़ किया जाना सरासर गलत है। स्वामी ललित महाराज कहते हैं कि पौराणिक गुफाओं को मनोरंजन का साधन नहीं बनाया जाना चाहिए। गुफाओं के अंदर दीवारें खड़ी किए जाने से इनकी भव्यता समाप्त हो जाएगी।

यह भी पढ़ें: Kedarnath Dham: सात साल में निखरा केदारपुरी का रंग-रूप, ये निर्माण कार्य होने अभी बाकी

केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला का कहते हैं कि पीढ़ियों से साधु-संत केदारनाथ धाम पहुंचकर यहां प्राकृतिक गुफाओं में साधना करते रहे हैं। लेकिन, अब सरकार नया स्वरूप देने के नाम पर इनकी सुंदरता को ही खत्म कर रही है। तीर्थ पुरोहित कुबेरनाथ पोस्ती, लक्ष्मी नारायण जुगरान व अरविंद शुक्ला ने भी गुफाओं के प्राकृतिक स्वरूप को बरकरार रखने पर जोर दिया है। वहीं, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता प्रवीन कर्णवाल ने बताया कि तीर्थ पुरोहितों के विरोध के बावजूद कार्य में कोई रुकावट नहीं आई है।

यह भी पढ़ें: केदारपुरी की तर्ज पर विकसित विकसित की जाएगी बदरीशपुरी, पढ़िए पूरी खबर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.