अब केदारनाथ धाम में पितृ घाट पर कर सकेंगे तर्पण
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में तेजी के साथ पुनर्निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। अभी तक ती
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में तेजी के साथ पुनर्निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। अभी तक तीर्थ पुरोहितों के परिवारों के लिए 60 भवन तैयार हो चुके हैं। इनमें से 41 भवन पूर्व में बनकर तैयार हो गए थे, जबकि 20 का निर्माण अब जाकर पूरा हुआ है। वहीं यात्री इस बार सरस्वती नदी स्थित पितृ घाट में तर्पण कर सकेंगे। आठ करोड़ की लागत से पितृ घाट बनकर तैयार हो गया है।
केदारनाथ आपदा में बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहितों के भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे। सरकार प्रभावित तीर्थ पुरोहितों को भवनों का निर्माण कर दे रही है। कुल 113 परिवारों को भवन बनाकर दिया जाना है, इनमें से 60 परिवारों के लिए भवन बनकर तैयार हो गए हैं। ये सभी भवन जिंदल ग्रुप के सहयोग से बनाए गए हैं। वहीं, 41 भवन नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) की ओर से पूर्व में बनाए गए थे, जबकि पांच यूनिट में 20 प्रभावित परिवारों के लिए वुडस्टोन क्रंस्ट्रक्शन कंपनी ने भवन बनाए हैं। बाकी भवनों के निर्माण को लेकर भी सरकार की ओर से कार्रवाई की जा रही है। हालांकि कुछ स्थानों पर भूमि को लेकर तीर्थ पुरोहितों व प्रशासन के बीच सहमति न बनने के कारण अभी कार्य शुरू नहीं हो सका है। वहीं सरस्वती नदी पर आस्था पथ के नीचे लगभग आठ करोड़ की लागत से पितृ घाट भी बनकर तैयार हो गया है। अब यात्री यहां अपने पितरों का तर्पण कर सकेंगे। वहीं यहां विद्युत व्यवस्था भी की गई है, जो काफी आकर्षक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रेतश कुंड में मृत व्यक्तियों की जन्मपत्री डाली जाती हैं और सरस्वती नदी स्थित घाट पर तर्पण किया जाता है। वुडस्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के केदारनाथ प्रभारी मनोज सेमवाल ने बताया कि उनकी ओर से पांच भवन बनाए गए हैं। इसका लाभ 20 तीर्थपुरोहितों को मिलेगा। बताया कि पितृ घाट भी बनकर तैयार हो गया है।