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पहाड़ी पर अटके बोल्डर पड़ रहे जान पर भारी, कई स्थानों पर हाईवे हुआ खतरनाक

इन दिनों चारधाम परियोजना के तहत निर्माण कार्य चल रहे हैं लेकिन निर्माण में सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। कई स्थानों पर हाईवे खतरनाक हो गया है।

By Edited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 08:22 PM (IST)
पहाड़ी पर अटके बोल्डर पड़ रहे जान पर भारी, कई स्थानों पर हाईवे हुआ खतरनाक
पहाड़ी पर अटके बोल्डर पड़ रहे जान पर भारी, कई स्थानों पर हाईवे हुआ खतरनाक

रुद्रप्रयाग, बृजेश भट्ट। गौरीकुंड हाईवे पर इन दिनों चारधाम परियोजना के तहत निर्माण कार्य चल रहे हैं, लेकिन निर्माण में सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। कई स्थानों पर हाईवे खतरनाक हो गया है। हाईवे की कटिंग के बाद पहाड़ी पर बोल्डर अटके हुए हैं, जिससे वाहनों पर हर समय खतरा मंडराता रहता है। वहीं, नौ से अधिक स्लाइडिंग जोन का भी ट्रीटमेंट कार्य अभी तक शुरू नहीं हो सका है। केंद्रीय एजेंसी से इन स्लाइडिंग जोन की जांच भी कराई गई थी, अभी तक ट्रीटमेंट के लिए डिजाइन तक तैयार नहीं हो पाया है।

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वर्ष 2020 दिसंबर तक चारधाम परियोजना के तहत निर्माण कार्य पूरा होने का लक्ष्य सरकार ने रखा है। अब समय एक वर्ष से भी कम बचा हुआ है। अभी तक हाईवे पर पुराने और सक्रिय हुए स्लाइडिंग जोन का ट्रीटमेंट कार्य भी शुरू नहीं हो सका है। 76 किलोमीटर लंबे गौरीकुंड हाईवे पर कई स्थानों पर कटिंग का कार्य चल रहा है, जबकि पुश्ते निर्माण, पेटिंग आदि का कार्य भी किया जा रहा है। हाईवे पर कटिंग के दौरान पहाड़ी पर पत्थर बड़ी संख्या में अटके पड़े हैं। 

अक्सर यह बड़े और छोटे बोल्डर हाईवे पर गिरते रहते हैं, जिससे वहां से गुजरने वाले वाहनों को खतरा बना रहता है। कई बार तो गाड़ी के शीशे टूट जाते हैं। कटिंग के बाद हाईवे पर कई स्लाइडिंग जोन भी विकसित हो गए हैं, जिनका ट्रीटमेंट भी अभी तक शुरू नहीं हो सका है, जबकि ट्रीटमेंट को लेकर पिछले एक वर्ष से कवायद चल रही है। नेशनल हाईवे ने सक्रिय हुई स्लाइडिंग जोन के अध्ययन और ट्रीटमेंट का डिजाइन बनाने के लिए सीआरआर-सेंटर रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट से सर्वे कराया था, लेकिन अभी तक उनके डिजाइन उपलब्ध नहीं हैं। इससे स्लाइडिंग जोन पर कार्य शुरू नहीं हो सका है। केदारनाथ यात्र मार्ग पर बोल्डर गिरने से दो बड़ी दुर्घटनाओं के बावजूद स्लाइडिंग जोन को लेकर सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की जा रही है।

हाईवे पर हुई दो भीषण दुर्घटनाएं

-21 दिसंबर 2018 को बांसवाड़ा में पहाड़ी दरकने से नौ मजदूरों की दबकर मौत

-नवंबर 2019 को फाटा के पास गौरीकुंड हाईवे पर पहाड़ी से बोल्डर आने से एक जीप व दो मोटर साइकिल दबने से 6 लोगों की मौत

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नेशनल हाईवे गौरीकुंड, सिल्ली के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि कटिंग के बाद पहाड़ी पर जो पत्थर गिरने की संभावना रहती है, उसे हटाया जाता है। स्लाइडिंग जोन के ट्रीटमेंट के लिए डिजाइन आने के बाद निर्माण एजेंसियों से ट्रीटमेंट शुरू करा दिया जाएगा।

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गौरीकुंड हाईवे पर स्लाइडिंग जोन

रामपुर, बडासू, सेमी, बांसवाड़ा, चंद्रापुरी, भटवाड़ीसैंण, मुनकटिया, डोलिया देवी, जामू और चंडिकाधार।

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