आज शीतकालीन गद्दीस्थल में विराजमान होंगे भगवान मद्महेश्वर
संवाद सहयोगी रुद्रप्रयाग पंचकेदारों में शामिल द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट बंद होने के
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: पंचकेदारों में शामिल द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट बंद होने के बाद आज वह अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होंगे। भगवान की डोली रात्रि प्रवास के लिए रांसी से प्रस्थान कर गरिया पहुंच गई है, जहां डोली का फूल-मालाओं से भव्य रूप से स्वागत किया गया। वहीं डोली के आगमन के लिए ओंकारेश्वर मंदिर को लगभग छह कुंतल फूलों से सजाया गया है।
बीते 21 नवंबर को द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हुए थे। जिसके बाद भगवान की उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए प्रथम पड़ाव गौंडार एवं द्वितीय पड़ाव के लिए रांसी पहुंची थी। शनिवार को पुजारी ने भगवान की उत्सव डोली की विशेष पूजा-अर्चना कर भोग लगाया। इस दौरान रांसी के ग्रामीणों ने भगवान मद्महेश्वर के दर्शन कर मनौतियां भी मांगी। जैसे ही भगवान की उत्सव डोली ने गरिया के लिए प्रस्थान किया, भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। उत्सव डोली के गरिया पहुंचने पर क्षेत्रीय ग्रामीणों ने पुष्प और अक्षत से जोरदार स्वागत किया। रविवार को भगवान मद्महेश्वर की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होगी। जिसके बाद भगवान की छह माह की पूजा-अर्चना यहीं पर संपन्न की जाएगी। वहीं डोली आगमन के लिए ओंकारेश्वर मंदिर को बद्री-केदार मंदिर समिति की ओर से लगभग छह कुंतल फूलों से सजाया गया है। समिति के पूर्व सदस्य शिव सिंह रावत, पुजारी बागेश लिग, मंदिर सुपरवाइजर युद्धवीर पुष्पवाण, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, देवानंद गैरोला आदि डोली के साथ में चल रहे हैं। रविवार को रावल भीमाशंकर लिग, मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल, उपाध्यक्ष अशोक खत्री, मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, कार्याधिकारी एनपी जमलोकी डोली की अगवानी करेंगे।