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बाबा केदार के दर्शनों को उमड़े श्रद्धालु, मंदिर के आसपास नहीं रही पैर रखने तक की जगह; तस्वीरों में देखें

Kedarnath Yatra 2021 केदारनाथ धाम में बीते दो दिन से तो मंदिर के आसपास पैर रखने तक को जगह नहीं है। श्रद्धालुओं को दर्शनों के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। शनिवार को 16348 श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शनों को पहुंचे।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 09:11 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 09:11 PM (IST)
बाबा केदार के दर्शनों को उमड़े श्रद्धालु, मंदिर के आसपास नहीं रही पैर रखने तक की जगह; तस्वीरों में देखें
केदारनाथ धाम में भोले बाबा के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में यात्री पहुंच रहे हैं। नितिन।

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग। Kedarnath Yatra 2021 केदारनाथ दर्शनों को आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। बीते दो दिन से तो मंदिर के आसपास पैर रखने तक को जगह नहीं है। श्रद्धालुओं को दर्शनों के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। शनिवार को 16348 श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शनों को पहुंचे, जो कि इस सीजन एक दिन में श्रद्धालुओं की सबसे बड़ी संख्या है। जबकि, सोनप्रयाग, गुप्तकाशी, फाटा, सीतापुर, गौरीकुंड आदि पड़ावों पर यात्रियों की भीड़ उमड़ने से दिनभर जाम की स्थिति बनती रही। वहीं, पुलिस-प्रशासन लगातार जाम खोलने में जुटे रहे।

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ई-पास की बाध्यता समाप्त होने के बाद बीते एक सप्ताह से चारों धाम, खासकर केदारनाथ में यात्रियों की आमद लगातार बढ़ रही है। बीते दो दिनों में ही 27366 हजार श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच चुके हैं। जबकि 18 सितंबर को कपाट खुलने के बाद से अब तक 82763 श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर चुके हैं।

पैदल, घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी ही नहीं, हेली सेवा से भी रिकार्ड यात्री केदारनाथ पहुंच रहे हैं। इससे भीमबली, जंगलचट्टी, छोटी लिनचोली, बड़ी लिनचोली, रुद्रा प्वाइंट आदि पैदल पड़ावों पर दिन-रात का आभास ही नहीं हो रहा। हालांकि, यात्रियों की भीड़ बढ़ने के कारण गुप्तकाशी से गौरीकुंड तक श्रद्धालु लगातार जाम से जूझ रहे हैं।

मलबा आने से दो घंटे बंद रहा गौरीकुंड हाइवे

गुप्तकाशी विद्या धाम के पास शनिवार को मलबा व बोल्डर आने से गौरीकुंड हाइवे सुबह साढ़े आठ से साढ़े दस बजे तक अवरुद्ध रहा। इस दौरान मलबे की चपेट में आने से एक वाहन भी क्षतिग्रस्त हुआ। जाम लगने से हाइवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई।

इससे यात्रियों के साथ ही स्थानीय निवासियों को भी खासी दिक्कतें झेलनी पड़ी। हालांकि, मार्ग अवरुद्ध होने के कुछ देर बाद ही लोनिवि एनएच ने जेसीबी मशीन से मलबा हटाना शुरू कर दिया था। बावजूद इसमें दो घंटे का समय लग गया।

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