नमामि गंगे के घाटों में भरा कूड़ा
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: करोड़ों की लागत से नमामि गंगे के तहत बनाए गए घाट की स्थिति अब अलक
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: करोड़ों की लागत से नमामि गंगे के तहत बनाए गए घाट की स्थिति अब अलकनंदा का जलस्तर घटने के बाद स्पष्ट सामने आ गई है। घटों पर जगह- जगह सिल्ट और कचरा भर गया है।
नगर मुख्यालय में नमामि गंगे योजना के तहत चार स्थानों पर घाट बनाने के लिए स्थान चयनित किए गए थे। इनमें एक पुराने विकास भवन, हनुमान मंदिर के व जज कार्यालय के नीचे एवं संगम स्थल के पास को शामिल किया गया था, लेकिन अलकनंदा-मंदाकिनी संगम स्थल को इसमें शामिल नहीं किया गया। योजना की निर्माणदायी संस्था वासकोप कंपनी की ओर पिछले वर्ष अप्रैल माह से सभी घाटों का निर्माण कार्य शुरू किया था। पिछले वर्ष भी बरसात शुरू होने एवं नदियों का जल स्तर बढ़ने से निर्माण कार्य बंद कर दिया था। जिससे विभिन्न घाटों पर मलबा व रेत जमने के साथ ही घाट क्षतिग्रस्त हुए थे। इसे बाद में बरसात समाप्त होने के बाद मलबे को साफ कर फिर से निर्माण कार्य शुरू किया गया। इस वर्ष बरसात से पूर्व नगर के चारों घाटों पर निर्माण कार्य लगभग हो चुका है। इसमें नगर के इन घाटों पर कुल 12 करोड़ों से अधिक खर्च कर घाटों पर टायल्स, रै¨लग, चैं¨जग रूम, व्यू प्वाइंट, सोलर लाइटें, बड़ी स्ट्रीट लाइटें, शव दाह गृह, विश्राम गृह समेत कई कार्य शामिल है।
वर्तमान में अलकनंदा नदी का जलस्तर घट गया है, पानी घटने से घाटों की वास्तविक स्थिति स्पष्ट दिख रही है। घाट में बनाए गए चबूतरों में बड़ी मात्रा में लकड़ी मलबा व मवाद जमा हो गया है। घाटों को भारी मात्रा में नुकसान पहुंचा है, इसका आंकलन अभी नहीं किया गया है। जिससे घाटों में मलबा जमा होने से उनकी सूरत भी बिगड़ गई। व्यू प्वाइंट पर खड़े होने की जगह भी पूरा मलबा भर गया। इसके अलावा योजना के लगी लाखों रूपए की स्ट्रीट लाइटें भी क्षतिग्रस्त हो गई।
इस बारे में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि नगर पालिका व वासकोप के बीच एक बैठक होगी, इसके बाद तय हो गया कि घाटों की सफाई कौन करेगा। उन्होंने कहा कि घाटों की सफाई के लिए कार्रवाई की जा रही है।
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