केदारनाथ जा रहे महाराष्ट्र के चार यात्री गौरीकुंड से लौटाए
भले ही अभी चारधाम यात्रा पर रोक है लेकिन नियम-कायदों को ताक पर रखकर महाराष्ट्र से केदारनाथ दर्शनों को निकले चार यात्री शनिवार को गौरीकुंड पहुंच गए।
रुद्रप्रयाग जेएनएन। भले ही अभी चारधाम यात्रा पर रोक है, लेकिन नियम-कायदों को ताक पर रखकर महाराष्ट्र से केदारनाथ दर्शनों को निकले चार यात्री शनिवार को गौरीकुंड पहुंच गए। हैरत देखिए कि रास्तेभर किसी भी बैरियर पर न तो इनसे पूछताछ की जहमत उठाई गई, न ही स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। गौरीकुंड में व्यापार संघ पदाधिकारियों को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने रोककर यात्रियों से पूछताछ की। धाम के कपाट बंद होने की जानकारी दिए जाने के बाद ही यात्री वापस लौटे। जिलाधिकारी वंदना सिंह ने पुलिस अधीक्षक को मामले में जांच के निर्देश दिए गए हैं।
केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खोले गए थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते अभी यात्रा पर प्रतिबंध है। इसके चलते स्थानीय लोग भी बिना पास के गौरीकुंड से आगे नहीं जा पा रहे। लेकिन, शनिवार को बिना किसी अनुमति के महाराष्ट्र से चार यात्री निजी वाहन से गौरीकुंड पहुंच गए। चारों केदारनाथ दर्शनों को जा रहे थे। व्यापार संघ गौरीकुंड के अध्यक्ष कुलानंद गोस्वामी के अनुसार पूछने पर इन यात्रियों ने बताया कि हरिद्वार से लेकर गौरीकुंड तक कहीं भी न तो उनकी चेकिंग की गई और न स्वास्थ्य परीक्षण ही। जबकि, पूरा महाराष्ट्र रेड जोन में है। बताया गया कि ये चारों लोग सैनिटाइजेशन करने के नाम पर केदारनाथ जाने की बात कह रहे थे। गोस्वामी ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी जांच की मांग की गई है।
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उधर, एसडीएम ऊखीमठ वरुण अग्रवाल ने कहा कि बिना अनुमति व स्वास्थ्य परीक्षण के महाराष्ट्र से चार लोगों का जिले में प्रवेश करना गंभीर लापरवाही है। इस बारे में सिरोबगड़ बैरियर पर तैनात कार्मिकों से जानकारी ली जाएगी। जबकि, जिलाधिकारी वंदना सिंह का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है। पुलिस अधीक्षक से इसकी जाच करवाई जा रही है। पता लगाया जा रहा है कि बैरियर पर बिना जाच के लिए कैसे ये यात्री गौरीकुंड पहुंच गए। इससे पूर्व, उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी भी बिना अनुमति के बीती चार मई को दल-बल समेत बदरी-केदार यात्रा के लिए उत्तराखंड पहुंच गए थे। प्रशासन की सख्ती के बाद उन्हें कर्णप्रयाग से वापस लौटना पड़ा।
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