छाई रही धुंध,बरसा रेतीला पानी
जागरण टीम गढ़वाल: पर्वतीय क्षेत्रों में भी दो दिन आसमान में धूल छाई है। बारिश होने पर बूंदों के साथ
जागरण टीम गढ़वाल: पर्वतीय क्षेत्रों में भी दो दिन आसमान में धूल छाई है। बारिश होने पर बूंदों के साथ रेतीला मटमैला पानी बरस रहा है। हवा चलने पर घरों में भी रेत ही नजर आ रही है। इससे सांस के मरीजों को ज्यादा दिक्कतें आई।
पौड़ी मुख्यालय और इससे सटे क्षेत्रों में शुक्रवार को सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई तो रेतीला मटमैला पानी बरसने लगा। दोपहर बाद मौसम ने करवट बदली तो मौसम साफ होने लगा, लेकिन दो दिनों से यहां दिन भर धुंध छाई रही। श्रीनगर में भी शुक्रवार को दिन चढ़ते-चढ़ते बीते गुरुवार की भांति एक बार फिर श्रीनगर गढ़वाल भारी धूल के आगोश में आ गया। श्रीनगर घाटी के चारों ओर की पहाड़ियों के साथ ही शहर में चारों धूल धुंध ही छायी रही। हवा चलने के साथ ही वातावरण में धूल की मात्रा भी बढ़ती रही। इससे सांस के मरीजों को भी परेशानियां हुईं। बीते गुरुवार को भी दोपहर में इसी तरह पूरे शहर में धूल ही धूल छा गयी थी, लेकिन शाम ढलते ही हुई जोरदार बारिश से लोगों को धूल से भी निजात मिली थी। शुक्रवार को सुबह मौसम खुशनुमा रहा, लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया हवा के साथ वातावरण में धूल की मात्रा भी बढ़ती गई।
चमोली जिले में सुबह से ही बारिश का दौर शुरू हो गया था। दिनभर रुक रुककर बारिश होती रही। बारिश के चलते गोपेश्वर में नालियों का पानी सड़कों पर बहने से लोगों को दिक्कतें हुई। बदरीनाथ हाइवे पर कई स्थानों पर पत्थर भी हाइवे पर गिरे। मगर इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है। कर्णप्रयाग में तीन दिनों से क्षेत्र में धुंध भरी हवा के साथ-साथ वातावरण में उमस भी बनी रही। धुंध की चादर का आलम यह है कि 50 से 100मी. दूरी पर साफ नजर आने वाली चोटियां दिखाई नहीं दे रहीं हैं। धुंध भरी हवा से स्वास्थ्य पर विपरीत असर दिखाई देने लगा है,सरकारी अस्पताल व निजी क्लीनिकों में गले में दर्द व खांसी, श्वास संबधी विकार के साथ त्वचा व खांसी जैसे रोग की समस्याओं को लेकर पहुंच रहे हैं वहीं बढ़ती उमस व फैली धुंध ने एकाएक तापमान को बढ़ा दिया है।
उत्तरकाशी में भी मैदानी क्षेत्रों से धूल भारी हवा गंगोत्री व यमुनोत्री तक पहुंच चुकी है। गंगोत्री व यमुनोत्री की पहाड़ियों भी पर्यटकों को साफ नजर नहीं आ रही है। गंगोत्री व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतेंद्र सेमवाल ने बताया कि जो भी पर्यटक पहाड़ों में आता है वह यहां की गगन को चूमती पहाड़ियों को देखना चाहता है। साथ ही यहां जंगल, नदी, झरनों का भी दीदार करना चाहता है। लेकिन गुरुवार से धूल भरी चादर के कारण कुछ भी दिखाई नहीं रहा है।
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