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200 करोड़ की रुद्रप्रयाग बाईपास योजना का निर्माण लटका

रुद्रप्रयाग बाईपास के द्वितीय चरण का कार्य फिलहाल टेंडर प्रक्रिया में विवाद के चलते लटक गया है। नवंबर महीने से कार्य शुरू होना था। 200 करोड़ की लागत से बनने वाली इस परियोजना में 900.30 मीटर लंबी सुरंग व अलकनंदा नदी पर पुल का निर्माण किया जाना है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Dec 2021 10:19 PM (IST)Updated: Fri, 31 Dec 2021 10:19 PM (IST)
200 करोड़ की रुद्रप्रयाग बाईपास योजना का निर्माण लटका
200 करोड़ की रुद्रप्रयाग बाईपास योजना का निर्माण लटका

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग बाईपास के द्वितीय चरण का कार्य फिलहाल टेंडर प्रक्रिया में विवाद के चलते लटक गया है। नवंबर महीने से कार्य शुरू होना था। 200 करोड़ की लागत से बनने वाली इस परियोजना में 900.30 मीटर लंबी सुरंग व अलकनंदा नदी पर पुल का निर्माण किया जाना है। इसके निर्माण से चारधाम यात्रा समेत चमोली व रुद्रप्रयाग जनपद के निवासियों को भी लाभ मिलेगा।

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17 वर्ष पूर्व स्वीकृत हुआ रुद्रप्रयाग बाईपास का निर्माण एक बार फिर विवाद के चलते तय समय पर शुरू नहीं हो सका। नेशनल हाइवे लोनिवि ने निर्माण के लिए टेंडर आयोजित किए थे, लेकिन टेंडर में विवाद होने से कार्य शुरू नहीं हुआ। फिलहाल निर्माण एजेंसी एनएच एक बार फिर से टेंडर आयोजित करने की तैयारी कर रही है, जिससे अभी समय लगेगा। वर्ष 2003-2004 में केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने रुद्रप्रयाग शहर की भौगोलिक परिस्थिति व जनता की मांग पर जवाड़ी बाईपास के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी, इसके तहत दो चरणों में कार्य पूरा होना था, प्रथम चरण में निर्माण गुलाबराय से जवाड़ी होते हुए गौरीकुंड हाईवे पर बाईपास को जुड़ना था, जिसका निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जबकि दूसरे चरण में गौरीकुंड हाइवे पर लोनिवि रुद्रप्रयाग खंड कार्यालय के पास से सुरंग का निर्माण कर रुद्रप्रयाग चोपता-पोखरी मोटर मार्ग पर बेलणी के निकट तक 900.30 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण होना है, अलकनंदा नदी पर 190 मीटर लंबा पुल का निर्माण कर इसे बद्रीनाथ हाइवे से जुड़ना है। तत्कालीन केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी ने अपने कार्यकाल में इस महत्वकांझी योजना का वर्ष 2003 में स्वीकृति प्रदान की थी। प्रथम चरण का कार्य पूरा हो चुका है। और अब द्वितीय चरण का कार्य होना है। गत जनवरी माह में सड़क परिवहन मंत्रालय से इसकी स्वीकृति मिली थी। इसके लिए नेशनल हाईवे लोनिवि ने इसके लिए टेंडर जारी कर दिए थे। नवंबर माह में इस परियोजना पर कार्य शुरू होना था। लेकिन टेंडर प्रक्रिया में विवाद के बाद प्रक्रिया निरस्त कर दी गई है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य रुद्रप्रयाग शहर में जाम की स्थिति से देश-विदेश से आने वाले यात्रियों को नहीं जूझना पड़ेगा। वर्तमान में सरकार ने चार धाम परियोजना के तहत हाइवे को चौड़ा तो किया गया है, लेकिन यात्रा सीजन में वाहनों का दवाब को द्वितीय चरण का कार्य पूरा होने के बाद समाप्त हो जाएगा। नेशनल हाइवे लोनिवि रुद्रप्रयाग के सहायक अभियंता अनिल बिष्ट ने बताया कि लोनिवि कार्यालय के पास से बेलणी तक 900 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण होना है। साथ ही अलकनंदा नदी पर दो सौ मीटर पुल का निर्माण होगा। टेंडर जारी किए गए थे, लेकिन टेंडर को लेकर दूसरे नंबर पर रहने वाली फर्म ने आपत्ति जताई जिसके बाद टेंडर निरस्त कर दिए गए हैं। अब फिर से टेंडर निकाले जा रहे हैं।


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