संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग : केदारनाथ आपदा के सात वर्ष बाद अलकनंदा-मंदाकिनी संगम स्थल पर 55 लांख की लागत से सुरक्षा दीवार, घाट और मंदाकिनी नदी डायवर्जन का कार्य भी शुरू हो गया है। घाट निर्माण कार्य होने से जहां संगम स्थली संवरेगी। वहीं, स्थानीय जनता के साथ पर्यटकों को स्नान करने में सहूलियत होगी।
16 जून 2013 में आपदा से मंदाकिनी व अलकनंदा नदी में बाढ़ आने से जिले में काफी नुकसान हुआ था। संगम स्थल पर बने घाट पूरी तरह जमींजोद हो गए थे। इसके साथ ही संगम स्थली नारदशिला का एक हिस्सा पूरी तरह टूट गया था। तब से अब तक संगम स्थली पर घाट निर्माण व सुंदरीकरण का कार्य नहीं हो सका था। जिससे प्रतिदिन गंगा आरती समिति को भी काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही थी। स्थानीय जनता की मांग पर प्रशासन ने सिचाई विभाग के माध्यम से संगम स्थल पर घाट निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा था। जिसके बाद इसी वर्ष शुरूआत में घाट निर्माण के लिए सिचाई विभाग को बजट स्वीकृत हुआ। विभाग की ओर से टेंडर प्रक्रिया समेत कई औपचारिकता पूर्ण करने के बाद ठेकेदार ने घाट निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है। इन दिनों मंदाकिनी नदी का डायवर्जन का कार्य किया जा रहा है।
सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता पीएस बिष्ट ने कहा कि नदी डायवर्जन के बाद शीघ्र ही घाट की बुनियाद डालकर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। वार्ड के सभासद सुरेन्द्र रावत ने बताया कि संगम स्थली पर घाट निर्माण कार्य शुरू होने से सदियों पुरानी नारद शिला को बचाने का भी प्रयास किया जाएगा।
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