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चोपता में महाविद्यालय के संचालन का इंतजार

रविंद्र कप्रवान, रुद्रप्रयाग तल्ला नागपुर क्षेत्र में उच्च शिक्षा एक बड़ा मुद्दा है। विधान सभा चुना

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 05:33 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 05:33 PM (IST)
चोपता में महाविद्यालय के संचालन का इंतजार
चोपता में महाविद्यालय के संचालन का इंतजार

रविंद्र कप्रवान, रुद्रप्रयाग

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तल्ला नागपुर क्षेत्र में उच्च शिक्षा एक बड़ा मुद्दा है। विधान सभा चुनाव के दौरान हर प्रत्याशी शिक्षा को अपने घोषणा पत्र में प्रमुखता से रखता है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद अपना वादा भूल जाता है। यही कारण है कि क्षेत्र में पिछले पांच वर्ष पूर्व स्वीकृत उच्च शिक्षा का सपना साकार नहीं हो सका है, जिससे यहां के हजारों नौजवानों को उच्च शिक्षा के लिए बाहरी क्षेत्रों की दौड़ लगानी पड़ रही है। इसके कारण उन्हें समय के साथ ही आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।

जिले में वर्तमान में चार महाविद्यालयों का संचालन हो रहा है। इनमें स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि, जखोली, गुप्तकाशी और रुद्रप्रयाग शामिल हैं। तल्ला नागपुर क्षेत्र में 45 गांवों में लगभग 50 हजार की जनसंख्या निवास करती है। इनमें लगभग 20 हजार के करीब वोटर हैं। यह क्षेत्र रुद्रप्रयाग और केदारनाथ दोनों विस में बंटा है। 2017 के विस चुनाव में रुद्रप्रयाग सीट पर भाजपा के भरत सिंह चौधरी और केदारनाथ सीट से कांग्रेस के मनोज रावत विधायक चुने गए थे। इनमें अधिकांश क्षेत्र केदारनाथ विधायक के पास था। ऐसे में केदारनाथ सीट से कांग्रेस का विधायक होने के चलते इस दिशा में कोई विशेष पहल नहीं की गई।

तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जनवरी वर्ष 2017 में चोपता क्षेत्र में महाविद्यालय खोलने की घोषणा के साथ ही इसका शासनादेश भी जारी कर दिया था। शासन की ओर से महाविद्यालय की प्रशासकीय स्वीकृति मिल गई थी। इसी वर्ष शिक्षा सत्र से महाविद्यालय की सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर महाविद्यालय का संचालन शुरू करने की बात भी कही गई थी। लेकिन, अभी तक महाविद्यालय का संचालन शुरू नहीं हो सका है। हालांकि क्षेत्रीय जनता पिछले लंबे समय से तल्लानागपुर क्षेत्र में महाविद्यालय खोलने की मांग करती आ रही है, लेकिन शासन स्तर से यहां महाविद्यालय खोलने की स्वीकृति मिलने के बावजूद संचालन शुरू न होना क्षेत्र के लिए बड़ा दुर्भाग्य है। ऐसे क्षेत्र के हजारों नौजवानों को उच्च शिक्षा के लिए रुद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि या फिर श्रीनगर गढ़वाल की दौड़ लगानी पड़ रही है। इसके कारण उन्हें आर्थिक एवं समय का नुकसान उठाना पड़ रहा है। यदि घर पर ही उच्च शिक्षा का केंद्र खुलता तो यहां के छात्रों को दूसरे कालेजों की शरण नहीं लेनी पड़ती। अब देखना यह होगा कि क्षेत्र के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए कितना इंतजार करना पड़ेगा। सेवानिवृत्त आनरेरी कैप्टन आरएस राणा का कहना है कि महाविद्यालय न खुलने से सबसे बड़ा नुकसान युवाओं को उठाना पड़ रहा है। भाजपा के मंडल अध्यक्ष गंभीर बिष्ट का कहना है कि पूर्व में महाविद्यालय चोपता का संचालन शुरू करने के लिए काफी प्रयास किए गए, लेकिन संचालन शुरू नहीं हो सका। फिर भी प्रयास किए जाते रहेंगे।


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