कोट बिचला गांव के 40 परिवार खतरे की जद में
जिले के अगस्त्मयुनि विकास खंड के कोट बिचला गांव के चालीस परिवार गांव में भूधंसाव के कारण खौफ के साए में जीवन बसर करने को मजबूर हैं।
संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: जिले के अगस्त्मयुनि विकासखंड के कोट बिचला गांव के चालीस परिवार गांव में भूधसाव के कारण खौफ के साए में जीवन बसर करने को मजबूर हैं। लगातार हल्की बारिश होने पर भी गांव में भूधसाव हो रहा है। ग्रामीणों ने सरकार से सुरक्षित स्थान पर विस्थापन की मांग उठाई है।
गत 23 व 24 अगस्त की रात्रि को हुई भारी बारिश के कारण गांव भूस्खलन की चपेट में आ गया। जिस कारण गांव के चालीस अनुसूचित जाति के परिवारों के भवनों को भूस्खलन का खतरा पैदा हो गया। लेकिन प्रशासन अभी तक गांव वालों की हालचाल पूछने तक नहीं आया है।
ग्रामीण बिदीलाल शाह ने बताया कि उनका शौचालय व स्नानागार भूस्खलन होने के कारण बुरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं। वहीं ग्रामीण सुरेशलाल की गौशाला व सुरेंद्रलाल की चार नाली भूमि मलबे में दब गई है। इसके अलावा पंचायत द्वारा निर्मित पानी की टंकी ध्वस्त होने के कारण ग्रामीणों को पानी की भारी किल्लत के दौर से भी गुजरना पड़ रहा है। यहीं नहीं दर्जनों परिवार भूस्खलन के कारण प्रभावित हो गए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन व सरकार से मांग की है कि गांव पर गुजर रही प्राकृतिक आपदा को देखते हुए सभी प्रभावित परिवारों को सुरक्षित जगह पर पुनर्वास कराया जाए और इस प्रकार की आपदा से प्रभावित हुए सभी परिवारों को हुए नुकसान का उचित मुआवजा दिलाया जाए। ग्रामीणों ने यह भी मांग की है कि उनके पुनर्वास की व्यवस्था किए जाने तक गांव व वहां रह रहे है परिवारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 300 मीटर की सुरक्षा दीवार का निर्माण कराने के आदेश किए जाए। वहीं उप जिलाधिकारी बृजेश तिवारी का कहना है कि गांव में हुए नुक्सान व इसके खतरे को लेकर पूरी जानकाली ली जा रही है, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को पत्र भी भेजा है जिसमें बिदीलाल शाह, सुरेन्द्रलाल शाह, रमेशलाल, श्यामलाल, गिरीशलाल, सुरेन्द्रलाल, जीतूलाल, उम्मेदलाल, सुरेशलाल, रणवीरलाल, विनोदलाल, देवेन्द्रलाल, लखपतिलाल, कमलादेवी, भवानीदेवी, सत्येश्वरी देवी, शांतिदेवी, उमादेवी, परबलीलाल के हस्ताक्षर हैं।