पहाड़ पर पेट्रोल संकट
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ जनपद को पेट्रोल के संकट से जल्द राहत मिलने की उम्मीद नहीं
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ जनपद को पेट्रोल के संकट से जल्द राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। जिले को जरूरत के मुताबिक पेट्रोल नहीं मिल पा रहा है। गुरुवार को पांचवें दिन भी पेट्रोल पंपों में लंबी कतारें लगी रही। पंपों में लगी भीड़ के चलते नेशनल हाइवे में कई बार जाम की स्थिति पैदा हुई।
जिला मुख्यालय में पिछले पांच दिनों से पेट्रोल की किल्लत चल रही है। जिले को हर रोज तीन वाहन पेट्रोल की जरू रत पड़ती है। दीप पर्व के अवकाश के चलते पेट्रोल के वाहन पिथौरागढ़ नहीं पहुंचे, जिससे पेट्रोल का संकट पैदा हो गया। अवकाश के बाद भी औसतन दो टैंकर पेट्रोल जिले में पहुंच रहा है,जबकि वर्तमान संकट को दूर करने के लिए तीन वाहन पेट्रोल हर रोज चाहिए। मांग और आपूर्ति में अंतर के चलते ही पेट्रोल की किल्लत बनी हुई है।
जिला मुख्यालय में गुरुवार को पेट्रोल के तीन टैंकर पहुंचे। तेल पहुंचने की जानकारी लगते ही पेट्रोल पंपों में वाहनों की लंबी कतारें लग गई। टनकपुर-तवाघाट हाइवे में दिन भर में कई बार जाम की स्थिति पैदा हुई है। पेट्रोल के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा। जिला पूर्ति अधिकारी मनोज बर्मन ने बताया कि संकट धीरे-धीरे कम हो रहा है। अगले कुछ दिनों में व्यवस्था पूरी तरह पटरी पर आ जाएगी। ...................
हर रोज 28 हजार लीटर तेल की खपत पिथौरागढ़: सीमांत जिले पिथौरागढ़ में हर रोज 28 हजार लीटर तेल की खपत होती है। जिले में दस हजार से अधिक छोटे बड़े वाहन हैं। इनके लिए 20 हजार लीटर डीजल और आठ हजार लीटर पेट्रोल की जरू रत पड़ती है। जिले में 15 पेट्रोल पंप वर्तमान में संचालित हो रहे हैं। सामान्य दिनों में पेट्रोल पंपों में ज्यादा भीड़ नहीं रहती हैं।
जरू रत से ज्यादा तेल की मांग ने बढ़ाई समस्या पिथौरागढ़: दीप पर्व पर वाहन नहीं आने से तेल का संकट पैदा हुआ। छुट्टियां खत्म होने के बाद तेल सामान्य ढंग से आने लगे हैं, लेकिन किल्लत की आशंका को देखते हुए लोग जरूरत से ज्यादा तेल जमा कर ले रहे हैं, जिसके चलते डिमांड बड़ रही है। जिला पूर्ति अधिकारी मनोज बर्मन ने बताया कि जिला मुख्यालय को छोड़कर जनपद में कहीं भी तेल का संकट नहीं हैं।