सड़क को लेकर ग्रामीणों का अनशन शुरू
एक दशक से लटकी अशोक नगर- बेलतड़ी सड़क को पूरा कराने की मांग को लेकर ग्रामीणों को क्रमिक अनशन शुरू हो गया है।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : एक दशक से लटकी अशोक नगर- बेलतड़ी सड़क को पूरा कराने की मांग को लेकर ग्रामीणों का क्रमिक अनशन शुरू हो गया है।
बड़ाबे क्षेत्र के अंतर्गत अशोक नगर-बेलतड़ी रोड एक दशक से निर्माणाधीन है। 10 किमी. लंबी इस रोड का आठ किमी. हिस्सा ही अब तक काटा गया है। दो किमी. रोड पूरी नहीं होने से दर्जनों गांवों के लोग परेशान हैं। ग्रामीण कई बार निर्माणाधीन सड़क को पूरा करने की मांग को लेकर आवाज उठा चुके हैं, लेकिन अभी तक लोक निर्माण विभाग की ओर से कोई ठोस पहल नहीं हुई है।
इससे खिन्न ग्रामीणों ने अधूरी रोड पर ही टेंट लगाकर क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। शनिवार को पहले रोज दयाकिशन भट्ट, तारादत्त भट्ट क्रमिक अनशन में बैठे। अनशन स्थल पर एकत्र हुए दर्जन भर गांवों के ग्रामीणों ने कहा कि लंबे समय से रोड को पूरा किए जाने की गुहार को लोक निर्माण विभाग ने अब तक अनसुना किया है। ग्रामीण अब खामोश नहीं बैठेंगे। जल्द रोड पूरी नहीं किए जाने पर ग्रामीण आमरण अनशन शुरू कर देंगे। उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष शमशेर महर सहित तमाम लोगों ने अनशन स्थल पर पहुंचकर आंदोलन को अपना समर्थन दिया।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: केंद्रीय जनजाति मंत्रालय और पतंजलि योगपीठ ने सीमांत के जनजाति समुदाय और वैद्यों के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। योगपीठ के अनुभवी चिकित्सकों ने विभिन्न बीमारियों में जड़ी बूटियों के उपयोग के साथ ही योग के महत्व की जानकारी दी। प्रतिभागियों को आयुर्वेदिक जीवन पद्धति का महत्व भी समझाया। वनराजि प्रशिक्षण केंद्र जौलजीवी में पूर्व विधायक गगन सिंह रजवार ने कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि सीमांत क्षेत्र में जड़ी बूटियों का खजाना है। इनके उपयोग की वैज्ञानिक जानकारी स्थानीय लोगों को दिए जाने की आवश्यकता है ताकि वह स्वस्थ जीवन जीने के साथ ही जड़ी-बूटी उत्पादन कर अपनी आजीविका का संवर्द्धन कर सकें। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए पतंजलि योग पीठ के वैज्ञानिक डा.ज्योतिष श्रीवास्तव ने कहा कि अब आयुर्वेद के महत्व को दुनिया स्वीकार कर रही है। शरीर को किसी तरह का नुकसान पहुंचाए बगैर आयुर्वेद तमाम बीमारियों के उपचार में सक्षम है। योगचार्य अविचल ने विभिन्न योग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डा. भाष्कर जोशी ने इस क्षेत्र में पाई जाने वाली औषधीय महत्व की जड़ी बूटियों की जानकारी दी। डा.राजेश मिश्रा ने आयुर्वेदिक पद्धति से जीवन यापन के तरीके बताए। डा. ईश्वर प्रकाश शर्मा, डा. अमित कुमार, डा. अमित तिवारी ने मधुमक्खी पालन, मशरू म उत्पादन और औषधीय जड़ी बूटी की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी।