कड़ाके की ठंड एक किमी. दूर से पानी ढोने को मजबूर जरमाल गांव के ग्रामीण, गुस्साए लोगों ने किया प्रदर्शन
पेयजल समस्या से जूझ रहे जरमाल गांव के ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर आक्रोश जताया।
संवाद सूत्र, गंगोलीहाट : पेयजल मिशन जैसी भारी-भरकम योजना के बाद भी कई गांवों के लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। कड़ाके की ठंड में भी लोगों को कई किलोमीटर दूर से पानी ढोना पड़ रहा है। ग्रामीणों की दिनचर्या का बड़ा हिस्सा पेयजल के इंतजाम में ही निकल जा रहा है। तहसील क्षेत्र का जरमाल गांव ऐसे ही गांवों में शामिल है। गांव में लंबे समय से पेयजल का संकट बना हुआ है। ग्रामीण एक किमी. दूर स्थित प्राकृतिक स्त्रोत से पानी ढोने को मजबूर हैं। कई बार मांग करने के बाद भी पेयजल समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
परेशान ग्रामीणों ने सोमवार को गांव में ही प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने कहा कि वे लंबे समय से पेयजल संकट से जूझ रहे हैं, कई बार पेयजल महकमे से समस्या दूर करने के लिए गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है। मजबूर होकर उन्हें प्रदर्शन करना पड़ रहा है। इसके बाद भी पेयजल महकमा उनकी समस्या का संज्ञान नहीं लेता है तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। प्रदर्शन करने वालों में नंदन सिंह, जगदीश कुमार, बहादुर सिंह, हयात सिंह, किशोर सिंह, कुंदन सिंह, चंद्र सिंह, लक्ष्मण सिंह, महेंद्र सिंह आदि शामिल थे। -------- बजेता के ग्रामीणों के समर्थन में उतरी आम आदमी पार्टी
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : आपदा की दृष्टि से संवेदनशील बजेता गांव में खड़िया खनन की स्वीकृति दिए जाने का विरोध कर रहे ग्रामीणों को आप पार्टी ने समर्थन दिया है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों के साथ गांव पहुंचकर प्रदर्शन किया। पार्टी ने खनन की अनुमति वापस नहीं लिए जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। आम आदमी पार्टी के चंद्रप्रकाश पुनेड़ा की अगुवाई में बजेता गांव पहुंचे आप कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों के साथ प्रदर्शन करते हुए कहा कि बजेता गांव पहले ही आपदा की मार झेल चुका है। प्रशासन इस गांव को भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील घोषित कर चुका है, बावजूद इसके गांव में खनन की अनुमति दे दी है। खनन की स्वीकृति के लिए ग्रामीणों के फर्जी हस्ताक्षर से स्वीकृति पत्र तैयार किया गया है। जिसकी जांच की मांग ग्रामीण लंबे समय से कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन मौन बना हुआ है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि पार्टी अब इस मुद्दे को जोरशोर से उठाएगी। खनन स्वीकृति वापस नहीं ली जाती है तो पार्टी ग्रामीणों को साथ लेकर उग्र आंदोलन करेगी। प्रदर्शन करने वालों में रमुली देवी, बसंती देवी, गीता देवी, कमला देवी, नंदी देवी, नीमा देवी, रूपा देवी, पुष्कर सिंह पवार, गोविद सिंह, जसपाल सिंह, नवीन कुमार, बलवंत सिंह, प्रेमा देवी आदि शामिल थे।