शौचालय निर्माण की धनराशि नहीं मिलने से खिन्न बालकुंचा के ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
तहसील क्षेत्र के बालकुंचा गांव के ग्रामीणों को शौचालय निर्माण के लिए अब तक धनराशि नहीं मिली है।
संवाद सूत्र, गंगोलीहाट : तहसील क्षेत्र के बालकुंचा गांव के ग्रामीणों को शौचालय निर्माण के लिए अब तक धनराशि नहीं मिली है। कई बार विभागीय अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी धनराशि नहीं दिए जाने से खिन्न ग्रामीणों ने शनिवार को गांव में प्रदर्शन कर आक्रोश जताया। सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश कुमार की अगुवाई में ग्रामीणों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि सरकार स्वच्छता अभियान में भारी भरकम धनराशि खर्च कर रही है। ग्रामीणों को शौचालय बनाने के लिए धनराशि दी जा रही है, लेकिन गंगोलीहाट की अनुसूचित जाति बस्ती बालकुंचा के परिवारों को अब तक शौचालय बनाने के लिए धनराशि नहीं दी गई है। गांव में रमेश राम, संजय कुमार, दीपा देवी, विक्रम राम के पास आज तक शौचालय नहीं है। खुले में शौच उनकी मजबूरी है। ग्रामीण कई बार शौचालय बनाने के लिए धनराशि की मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि शौचालय बनाने के लिए उन्हें शीघ्र धनराशि नहीं दी जाती है तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। ======= स्वास्थ्य केंद्र और पोस्ट आफिस की मांग को लेकर कलक्ट्रेट में गरजे जयकोट के ग्रामीण
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : सीमांत तहसील धारचूला के दूरस्थ गांव जयकोट के ग्रामीण आधारभूत सुविधाओं की मांग को लेकर कलक्ट्रेट में गरजे। ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर समस्याओं का शीघ्र समाधान किए जाने की मांग की। धारचूला तहसील मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित जयकोट गांव के ग्रामीणों ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए कहा कि जयकोट गांव के नाम से स्वीकृत पोस्ट आफिस का संचालन नारायण आश्रम में हो रहा हे, जो गांव से पांच किलोमीटर दूर है। गांव में बैंकिग की कोई अन्य सुविधा नहीं है। पोस्ट आफिस दूर होने के चलते बुजुर्ग, विकलांगों को पोस्ट आफिस में पहुंचने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार पोस्ट आफिस का संचालन जयकोट में किए जाने की मांग की जा चुकी है, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है। मजबूर होकर उन्हें प्रदर्शन के लिए बाध्य होना पड़ रहा हे।
प्रदर्शनकारियों ने गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का मामला उठाते हुए कहा कि ग्रामीणों को छोटी-छोटी बीमारियों के उपचार के लिए भी 40 किलोमीटर दूर अस्पताल के चक्कर काटने पड़ते हैं। बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाना ग्रामीणों के लिए बड़ी चुनौती है। प्रदर्शनकारियों ने गांव में अविलंब अस्पताल की सुविधा दिए जाने की मांग की। प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों ने अपनी मांगों से संबधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।