स्थानीय उत्पादों के जरिए युवाओं को दिया जाएगा रोजगार: बिष्ट
उत्तराखंड पारंपरिक उत्थान समिति ने पिथौरागढ़ के लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने की पहल की है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : उत्तराखंड पारंपरिक उत्थान समिति द्वारा सीमांत जिले में लोगों की आजीविका में सुधार करने के लिए अच्छी पहल की गई है। समिति की ओर से स्थानीय उत्पादों के माध्यम से युवाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा। इसके लिए समिति द्वारा जिले में प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित किए जाएंगे।
शुक्रवार को नगर के एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए समिति के अध्यक्ष राम सिंह ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में बेरोजगारी एक गंभीर समस्या के रू प में खड़ी है। समिति अपने संसाधनों से आजीविका सुधार के कार्यक्रमों का संचालन करेगी।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पादित होने वाली जैविक फसलों, फलों को उचित बाजार तक पहुंचाने के लिए विशेष प्रबंध किया जाएगा, जिससे लोगों को उनके उत्पादों को उचित लाभ मिल सके। आंवला, हरड़, च्यूरा, दालचीनी के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए समिति कलस्टर आधारित कार्यक्रमों का संचालन करेगी। कहा कि उत्तराखंड में विलुप्त हो रही सांस्कृतिक धरोहर जागर, फाग, रमोला, सांतू-आठू जैसी लोकपर्वों को प्रोत्साहित करने के लिए समिति प्राथमिकता से कार्य करेगी। समिति का लक्ष्य सीमांत जनपदों के साथ ही पूरे उत्तराखंड में यह कार्यक्रम एक अभियान के रू प में संचालित किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर स्वयं सहायता समूहों को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। वार्ता में समिति की निदेशक प्रगति नीरज सिंह, संरक्षक शमशेर महर, चंद्र सिंह, सलाहकार डॉ. नीरज सिंह मौजूद रहे।