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महिलाओं पर भारी पड़ रही रेडियोलाजिस्ट की कमी

पांच लाख की आबादी वाले पिथौरागढ़ जिले के महिला चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड के लिए रेडियोलाजिस्ट नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 10:35 PM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 11:06 PM (IST)
महिलाओं पर भारी पड़ रही रेडियोलाजिस्ट की कमी
महिलाओं पर भारी पड़ रही रेडियोलाजिस्ट की कमी

पिथौरागढ़, जेएनएन: पांच लाख की आबादी वाले सीमांत जिले के महिला चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड बंद हैं। महिला अस्पताल को मिली नई मशीन गंगोलीहाट भेज दी गई है। पुरानी मशीन काम नहीं कर रही है। जांच के लिए आने वाली महिलाओं को जिला चिकित्सालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

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सीमांत जिले के महिला चिकित्सालय में आज तक रेडियोलाजिस्ट की तैनाती नहीं हुई है। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन लगाई गई है। लाकडाउन से पूर्व चम्पावत जनपद के रेडियोलाजिस्ट सप्ताह में एक दिन महिला चिकित्सालय आकर जांचें कर रहे थे। जो अब बंद हो गई है। इस बीच महिला चिकित्सालय के लिए एक नई अल्ट्रासाउंड मशीन भी स्वीकृत की गई थी, जिसे अब गंगोलीहाट भेज दिया गया है। वर्तमान में जिला चिकित्सालय में ही अल्ट्रासाउंड हो रहे हैं। मजबूरी में महिलाएं निजी क्लीनिकों की शरण लेने को मजबूर हैं। =========== महिला चिकित्सालय में रेडियोलाजिस्ट का पद स्वीकृत नहीं है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। निदेशालय को रेडियोलाजिस्ट की तैनाती के लिए पत्र भेजा गया है।

- डा.एचसी पंत, मुख्य चिकित्साधिकारी, पिथौरागढ़

========== जिला मुख्यालय के महिला चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड जांच नहीं हो पा रही हैं। इसके चलते महिलाओं खासकर गरीब वर्ग की महिलाओं को दिक्कत हो रही है। महिला चिकित्सालय में अविलंब रेडियोलाजिस्ट की तैनाती की जानी चाहिए साथ ही पैथोलाजी जांच की सुविधा भी दी जाए।

- नम्रता बोहरा, तीलू रौतेली पुरस्कार विजेता ========= सीमांत जिले में पिथौरागढ़ के साथ ही चम्पावत, बागेश्वर और नेपाल से भी बड़ी संख्या में महिलाएं उपचार के लिए आती हैं। महिला चिकित्सालय में व्यवस्थाएं पर्याप्त होनी चाहिए ताकि गरीब महिलाओं को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। पिथौरागढ़ महिला चिकित्सालय में महिला रेडियोलाजिस्ट तैनात की जाए।

- लक्ष्मी भट्ट, तीलू रौतेली पुरस्कार विजेता ========= एकमात्र फिजीशियन के भरोसे जिला चिकित्सालय पिथौरागढ़: जिला चिकित्सालय में रोगियों के उपचार के लिए वर्तमान में मात्र एक फिजीशियन ही रह गए हैं, जिन्हें कोरोना संक्रमितों के उपचार का दायित्व भी संभालना पड़ रहा है। मात्र एक फिजीशियन उपलब्ध होने से आम मरीज परेशान है।

दो वर्ष जिला चिकित्सालय में तीन फिजीशियन थे। इनमें से एक चिकित्सक को गढ़वाल स्थानांतरित कर दिया गया। उनके स्थान पर जिले को प्रतिस्थानी नहीं मिला। शेष दो फिजीशियन से किसी तरह व्यवस्था चल रही थी। इस बीच इनमें से एक चिकित्सक के कोरोना संक्रमित हो जाने से अब पूरी व्यवस्था एक चिकित्सक पर आ गई है। एकमात्र फिजीशियन को भर्ती मरीजों के साथ-साथ ओपीडी का दायित्व तो संभालना पड़ ही रहा है साथ ही कोरोना संक्रमित मरीज भी देखने पड़ रहे हैं। इस समस्या के चलते तमाम मरीज खासे परेशान हैं। कांग्रेस जिलाध्यक्ष त्रिलोक महर ने पूर्व की भांति जिला चिकित्सालय में तीन फिजीशियन तैनात किए जाने की मांग की है।


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