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हवा में झूल रहा है भुजगड़ नदी का झूला पुल

मुनस्यारी विकासखंड के भुजगड़ नदी घाटी की पांच हजार की आबादी बिना मानसून के ही आपदा जैसे हालात झेलने के कगार पर पहुंच चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 09:54 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 09:54 PM (IST)
हवा में झूल रहा है भुजगड़ नदी का झूला पुल
हवा में झूल रहा है भुजगड़ नदी का झूला पुल

संवाद सूत्र, नाचनी (पिथौारागढ़ ): मुनस्यारी विकासखंड के भुजगड़ नदी घाटी की पांच हजार की आबादी बिना मानसून के ही आपदा जैसे हालात झेलने के कगार पर पहुंच चुकी है। दो वर्ष पूर्व मानसून काल में आई आफत की बारिश से तीन ग्राम पंचायतों को जोड़ने वाला झूला पुल खतरे में है। पुल को आधार देने वाली दीवारें गिर चुकी हैं। इस कारण झूला पुल चट्टान पर अटका है। ऐसे में जर्जर हाल पुल में एकबार में एक ही व्यक्ति आवाजाही कर सकता है।

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तीन ग्राम पंचायतों और आधा दर्जन तोक गांवों की पांच हजार की आबादी को प्रतिदिन इस पुल से बांसबगड़ आना-जाना पड़ता है। निकटवर्ती जीआइसी में पढ़ने वाले सौ से अधिक बच्चे प्रतिदिन इसी पुल से विद्यालय आते-जाते हैं।

क्षेत्र के लिए बन रही पीएमजीएसवाइ की सड़क विगत कई वर्षो से निर्माणाधीन है। ग्रामीणों की लाइफ लाइन किसी भी समय दम तोड़ सकती है। एक झूला पुल की मरम्मत को उठने वाली ग्रामीणों की आवाज भुजगड़ नदी के शोर में दब कर रह चुकी है।

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आवाजाही का है मुख्य जरिया

ग्रामीणों को खाद्यान्न से लेकर सभी सामान बांसबगड़ से इसी पुल के सहारे ले जाना पड़ता है। राया, बजेता,डुंगरी सहित सभी गांवों के ग्रामीणों का बाजार बांसबगड़ पड़ता है। विद्यालय और अस्पताल भी यहीं पर है। गैस सिलिडर भी आठ किमी की चढ़ाई में पीठ पर ढोकर बांसबगड़ से ही ले जाना पड़ता हैं। आने वाले दिनों में मतदान पार्टियां भी इसी पुल से होकर राया, बजेता पहुंचेंगी।

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:::::: परिचर्चा

झूला पुल शासन-प्रशासन की उदासीनता का शिकार बना है। यहां दो साल पूर्व आपदा ने तबाही मचाई थी। तब यह पुल भी खतरे में आ गया। अभी तक पुल की मरम्मत नहीं की जा सकी है।

-चंद्र सिंह पवार, सामाजिक कार्यकर्ता बांसबगड़

फोटो फाइल : 17 पीटीएच 08

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पुल की मरम्मत के लिए जनता ने जिला मुख्यालय तक आंदोलन किया। पुल के लिए ग्राम पंचायत स्तर से एक दर्जन से अधिक बार प्रस्ताव भेजा गया। पूरा मानसून काल में आपदा झेलने वाले ग्रामीणों के लिए फिर कभी भी आपदा जैसे हालात बन सकते हैं। पुल ढहा तो ग्रामीण गांवों में ही कैद हो जाएंगे। पहाड़ी से बाहर निकलने का दूसरा कोई मार्ग नहीं है।

-भागीरथी देवी, ग्राम प्रधान खेतभराड़

फोटो फाइल : 17 पीटीएच 09

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:::::: वर्जन

पुल की मरम्मत का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। शासन से स्वीकृति का इंतजार है। स्वीकृति मिलते ही पुल की मरम्मत और आधार दीवारों का निर्माण कराया जाएगा।

इं. सीसी पुनेठा, अभियंता लोनिवि, डीडीहाट


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