पड़ोसी देश की सड़के चकाचक, अपने देश में हाल बेहाल
संवाद सूत्र, झूलाघाट: पड़ोसी देश नेपाल की सीमांत सड़कें चकाचक हालत में हैं, लेकिन दुनिया के
संवाद सूत्र, झूलाघाट: पड़ोसी देश नेपाल की सीमांत सड़कें चकाचक हालत में हैं, लेकिन दुनिया के सबसे बड़े विकासशील देशों में शामिल भारत की सीमांत सड़कों का हाल बेहाल है। इन सड़कों में सुधारीकरण के नाम पर करोड़ों की धनराशि खर्चने के बाद भी हालत जस के तस हैं। नेपाल सीमा को जोड़ने वाली पिथौरागढ़- झूलाघाट सड़क ऐसी ही सड़कों में एक है।
पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से झूलाघाट की दूरी लगभग 35 किलोमीटर है। बेहद कम चौड़ाई वाली इस सड़क को यात्रा के लिए सुरक्षित बनाने के लिए पांच वर्ष पूर्व करोड़ों की धनराशि एडीबी लोनिवि के माध्यम से खर्च की गई। पांच वर्ष में ही सड़क फिर पुरानी स्थिति में पहुंच गई है। बड़ालू, बिसखोली, चमड़खोली आदि स्थानों पर डामर पूरा बह चुका है। सड़क में लगाई गई सुरक्षा दीवारें गिरने के साथ ही कॉजवे का कोई पता नहीं है। रू ट पर हर रोज सैकड़ों वाहन आवागमन करते हैं। नेपाल के नागरिक भी इसी सड़क से होकर अपने देश में पहुंचते हैं। बेहद खतरनाक हालत में पहुंच चुकी इस सड़क की हालत सुधारने के लिए कई बार आवाज उठाई जा चुकी है, लेकिन अभी तक इस दिशा में ठोस पहल नहीं हुई है। क्षेत्रवासियों ने अब सड़क सुधारीकरण के नाम पर खर्च की गई धनराशि की जांच की मांग उठा दी है।
सड़क की हालत सुधारने के लिए डामरीकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है। पहले चरण में झूलाघाट से खरक्यूड़ा तक सड़क पर डामरीकरण होगा। इसके बाद आगे की सड़क पर कार्य किया जाएगा। नवीन जोशी, ईई लोनिवि पिथौरागढ़