पिथौरागढ़ और धारचूला में नए सिरे से होगा मलिन बस्तियों का सर्वेक्षण
पिथौरागढ़ नगर पालिका क्षेत्र और धारचूला नगर पालिका क्षेत्र में नए सिरे से सर्वेखण कर मलिन बस्ति्यों को चिह्नित किया जाएगा।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : जनपद में पिथौरागढ़ नगर पालिका क्षेत्र और धारचूला नगर पालिका क्षेत्र में नए सिरे से सर्वेक्षण कर मलिन बस्तियों को चिह्नित किया जाएगा। चिह्नित होने के बाद असुरक्षित बस्तियों के विस्थापन की कार्रवाई की जाएगी।
मलिन बस्तियों को चिह्नित करने को लेकर बुलाई गई बैठक में जिलाधिकारी ने आशीष चौहान ने कहा कि पिथौरागढ़ नगर में कौत के नौले के पास की घनी बसासत अनियोजित निर्माण के चलते सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं है। यहां रहने वाले लोगों के पास भूमि का अधिकार भी नहीं है। इसी तरह धारचूला में भी कुछ बस्तियां अत्यधिक घनत्व वाली हैं। इन बस्तियों को मलिन बस्ती की श्रेणी में शामिल कर इन्हें पुनर्वासित किया जा सकता है। उन्होंने आवश्यकता को देखते हुए गहन सर्वेक्षण कर शीघ्र रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश उपजिलाधिकारियों को दिए। बैठक में अपर जिलाधिकारी फिंचा राम चौहान, एसडीएम नंदन कुमार, एसडीएम दिवेश शासनी सहित नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी मौजूद रहे। =======
धारचूला, जौलजीबी और थल में लगेगा सीवर ट्रीटमेंट प्लांट
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : गंगा संरक्षण समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। जिले की नदियों और गाड़-गधेरों को स्वच्छ बनाए रखने के लिए प्रमुख कस्बों में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाए जाएंगे। जिले में तैनात सुरक्षा बलों को भी अपने-अपने क्षेत्र में प्लांट लगाने होंगे। जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में रामगंगा सहित अन्य नदियों को साफ सुथरा रखने के लिए वृहद स्तर पर अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि नदियों के किनारे बसे कस्बों में सीवर निस्तारण वैज्ञानिक तरीके से किया जाए। उन्होंने धारचूला, जौलजीबी और थल में एसटीपी स्थापित करने के लिए इस्टीमेट तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बड़ी मात्रा में कूड़ा निस्तारित करने वाली सेना, आइटीबीपी और एसएसबी भी अपने-अपने क्षेत्रों में एसटीपी स्थापित करें। उन्होंने बैठक में मौजूद सभी उपजिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नगर निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यों की जांच करने के साथ ही मेडिकल वेस्ट निस्तारण पर निगाह रखने के निर्देश दिए।
बैठक में खुले में शौच से मुक्ति को लेकर चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने मुनस्यारी, मुवानी, नाचनी, गणाईगंगोली, थल, कनालीछीना आदि स्थानों को खुले में शौच से मुक्त करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल, डीएफओ कोको रोसो, एसडीएम अनुराग आर्या, एसडीएम नंदन कुमार मौजूद रहे।