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बीसूका के 15 कार्यो में पिथौरागढ़ जनपद को मिली ए श्रेणी

बीस सूत्रीय कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष (कैबिनेट स्तर) शेर सिंह गड़िया ने बीसूका की समीक्षा की।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 10:55 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 10:55 PM (IST)
बीसूका के 15 कार्यो में पिथौरागढ़ जनपद को मिली ए श्रेणी
बीसूका के 15 कार्यो में पिथौरागढ़ जनपद को मिली ए श्रेणी

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: बीस सूत्रीय कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष (कैबिनेट स्तर) शेर सिंह गड़िया ने बुधवार को पिथौरागढ़ में बीसूका की समीक्षा की। उन्होंने कार्यक्रमों का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

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विकास भवन सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी डा. विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि बीसूका के 22 कार्यों में से 15 कार्यों में जनपद ए श्रेणी में हैं। चार कार्यों में बी श्रेणी और तीन कार्यों में डी श्रेणी हासिल हुई है।

उपाध्यक्ष गड़िया ने कहा कि सभी कार्यो में ए श्रेणी के लिए अधिकारी प्रयास करें। उन्होंने कहा कि कार्यक्रमों का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाया जाना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यो की समीक्षा के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में अनुश्रवण समिति गठित की गई हैं। सभी उपजिलाधिकारी समय-समय पर कार्यों की प्रगति देखें। उन्होंने पीएमजीएसवाई, अटल आयुष्मान योजना, जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा इन योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रदेश में तेजी से कार्य हो रहा है। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष दीपिका बोहरा, विधायक चंद्रा पंत, पालिकाध्यक्ष राजेंद्र रावत, समिति के जिला सदस्य किशन खड़ायत आदि मौजूद थे। ====== बीसूका उपाध्यक्ष ने ग्रोथ सेंटर का किया निरीक्षण

लोहाघाट : चम्पावत में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के बाद पिथौरागढ़ रवाना होने के दौरान बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियांवयन समिति के उपाध्यक्ष शेर सिंह गड़िया ने मंगलवार की देर शाम लोहाघाट के ग्रोथ सेंटर का निरीक्षण किया। उन्होंने लौह व कृषि यंत्रों को रोजगार की दिशा में मील का पत्थर बताया। कहा कि पहाड़ों में इस तरह की छोटी इकाई लगाने से काफी हद तक बेरोजगारी में लगाम लग सकती। ग्रोथ सेंटर के अमित विश्वकर्मा ने बताया कि सेंटर में कड़ाई, तवा, कुदाल, खुरपी, फ्राईबीन, दराती आदि बर्तन व कृषि यंत्र तैयार किए जा रहे हैं।


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