प्रदेश के पहले ट्यूलिप गार्डन की कवायद शुरू
संवाद सहयोगी पिथौरागढ़ उत्तराखंड में पहले ट्यूलिप गार्डन निर्माण की कवायद शुरू हो गई है। सर
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: उत्तराखंड में पहले ट्यूलिप गार्डन निर्माण की कवायद शुरू हो गई है। सरकार ने गार्डन निर्माण के पूर्व में तय की गई एजेंसी बदल दी है। अब प्रदेश का पर्यटन विभाग गार्डन तैयार करेगा। मंगलवार को जिलाधिकारी ने प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया। पर्यटन विभाग को संबंधित स्थल हैंड ओवर करने की कार्रवाई की जा रही है।
कश्मीर की तर्ज पर उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में प्रदेश का पहला ट्यूलिप गार्डन बनना है। इसके लिए जिला मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर मड़खड़ायत गांव के समीप भूमि का चयन किया गया है। वन विभाग ने ट्यूलिप गार्डन का प्रस्ताव तैयार किया था। करीब 50 हेक्टेयर भूमि में बनने वाले इस गार्डन में 50 करोड़ की धनराशि खर्च होनी है। गार्डन में ट्यूलिप के पौध लगाए जाने के साथ ही पर्यटकों के लिए हट्स, बच्चों के लिए झूले और अन्य मनोरंजन के इंतजाम होने हैं। गार्डन में ही रेस्टोरेंट, कैफे आदि की व्यवस्था भी रहेगी।
इधर शासन ने अब गार्डन निर्माण का दायित्व वन विभाग से वापस लेकर पर्यटन विभाग को सौंप दिया है। मंगलवार को जिलाधिकारी डा.विजय कुमार जोगदंडे, एसडीएम(सदर)तुषार सैनी, पर्यटन और वन विभाग के अधिकारियों ने संबंधित स्थल का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने जल्द से जल्द सीमांकन कर भूमि पर्यटन विभाग को सौंपे जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसे प्रदेश की बेहद महत्वपूर्ण योजना बताते हुए कहा कि इस कार्य में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। पर्यटन विभाग ने इसके लिए प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी हैं।
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पर्यटन कारोबार को मिलेंगी नई ऊंचाईयां
पिथौरागढ़: जिला मुख्यालय में ट्यूलिप गार्डन बन जाने से पर्यटन कारोबार को नई ऊंचाईयां हासिल होंगी। जिले के बेहद खूबसूरत इलाके में प्रस्तावित ट्यूलिप गार्डन से जहां पर्यटक हिमालय का सौंदर्य निहार सकेंगे वहीं सोर घाटी का बड़ा लैंडस्कैप भी यहां से नजर आएगा। जिले में हवाई सेवा शुरू हो चुकी है। अब सिर्फ दिल्ली से हवाई सेवा का इंतजार है, इसके बाद जिले में पर्यटकों की बाढ़ आने की उम्मीद जताई जा रही है। अगले वर्ष तक ऑलवेदर रोड का काम भी पूरा हो जाएगा। टनकपुर तक रेलवे का ब्राडगेज बन चुका है। देश के किसी भी हिस्से से टनकपुर आसानी से पहुंचा जा सकता है। ऑलवेदर रोड बन जाने के बाद पर्यटकों को यहां आने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।