बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मुवानी में गरजे आंदोलनकारी
कुमाऊं मंडल की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने मुवानी में एक दिवसीय धरना दिया।
थल, जेएनएन: कुमाऊं मंडल की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मुवानी कस्बे में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया। इस दौरान हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल को एम्स की तर्ज पर विकसित करने, स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सेवाएं दुरु स्त करने की मांग की गई।
प्रमुख राज्य आंदोलनकारी मोहन पाठक के नेतृत्व में मुवानी कस्बे में धरना-प्रदर्शन किया गया। इस दौरान कांग्रेस प्रदेश सचिव प्रदीप पाल के नेतृत्व में दर्जनों कांग्रेसियों ने आंदोलन के समर्थन में धरना दिया। धरना स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए आंदोलनकारी पाठक ने कहा कि छोटे राज्य की लड़ाई में आंदोलनकारियों ने स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क की बेहतरी व गांवों की तरक्की मांगी थी, मगर राज्य बनने के बाद स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक बदहाल हो चुकी हैं। प्रदीप पाल ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क जैसी मूलभूत सेवाएं लचर चल रही हैं। धरना प्रदर्शन में क्षेत्र पंचायत सदस्य कमल दीप बिष्ट, व्यापार संघ अध्यक्ष शोभन सिंह कार्की, नील बहादुर चंद, श्याम सिंह कार्की, खड़क राम, शमशेर राम, किशन सिंह मंगला, अंकित बिष्ट, हरीश बिष्ट, चंचल बोरा, चंचल चौहान, मेहर सिंह कठायत, संजय भट्ट, माही राठौर, दिवान पानू, दिवाकर सोनार, करन आर्या, मनीष बोरा, गोलू बोरा, डब्बू कठायत आदि शामिल थे। ======== यक्षवती के साथ ही नगर के सभी गाड़ गधेरों को किया जाए पुनर्जीवित पिथौरागढ़: प्रभारी सचिव के यक्षवती नदी को पुनर्जीवित करने के दिशा-निर्देश के बाद नगर में बहने वाले अन्य गाड़ गधेरों को भी पुनर्जीवित करने की मांग उठने लगी है। जनमंच कार्यकर्ताओं ने शनिवार को प्रशासन के सामने यह मांग रखी।
नगर के उत्तरी छोर पर यक्षवती (रई गाड़) बहती है। दशकों से नगर के लोगों को पेयजल उपलब्ध करा रही यह गाड़ वर्तमान में बुरी तरह प्रदूषण का शिकार हो गई है। यक्षवती में पानी की मात्रा भी लगातार कम हो रही है। गाड़ में सीवर सहित तमाम गंदगी खुद नगरवासियों द्वारा ही डाली जा रही है। बीते रोज जनपद भ्रमण पर आए प्रभारी सचिव डा. रंजीत सिंहा ने प्रशासन को यक्षवती को पुनर्जीवित करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने के निर्देश दिए थे।
प्रभारी सचिव की पहल के बाद नगर के लोगों को अन्य गाड़ गधेरों के पुनर्जीवित होने की उम्मीद बढ़ी है। जनमंच के संयोजक भगवान रावत ने कहा है कि नगर में काफी गाड़ गधेरे हैं जो मानवीय गलतियों का शिकार होकर खत्म होने के कगार पर है। कभी नगर के तापमान के साथ ही जल संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इन स्रोतों को अभी भी बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इन स्रोतों में सीवर बहाने, कूड़ा कचरा डालने वालों पर कार्रवाई अमल में लाई जाए तो जल्द ही ये पुनर्जीवित हो जाएंगे। जनमंच जल्द ही इन स्रोतों के पुनर्जीवन के लिए मुहिम चलाएगा।