सीमांत में मौसम खराब, ऊंची चोटियों पर हिमपात
सीमांत में चौथे दिन भी मौसम का मिजाज बदला रहा। ऊंची चोटियों पर हिमपात हुआ।
जागरण टीम, पिथौरागढ़/धारचूला/ मुनस्यारी: सीमांत में चौथे दिन भी मौसम का मिजाज बदला रहा। दिन में धूप, छांव के बाद अपरान्ह के बाद मौसम खराब हो गया। जिला मुख्यालय में घने बादलों के चलते तेज हवाओं के साथ गरज के साथ हल्की बारिश हुई । सीमांत की धारचूला, मुनस्यारी सहित अन्य स्थानों पर झमाझम बारिश हुई । ऊंची चोटियों पर हिमपात हो रहा है।
मंगलवार सुबह हल्के बादलों के बीच धूप खिली रही। दोपहर बाद एक बजे से मौसम खराब हो गया। मुनस्यारी और धारचूला से मिली जानकारी के अनुसार अपराह्न दो बजे से क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। लगभग दो घंटे से अधिक समय तक तेज बारिश होती रही। बाद में बारिश का वेग कम हुआ है। मुनस्यारी से मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान हिमालय की ऊंची चोटियों पंचाचूली, राजरंभा, हंसलिंग, नंदा देवी, नंदा कोट, सितमधार सहित धारचूला के दारमा और व्यास की चोटियों पर भी हिमपात हो रहा है।
नाचनी से मिली जानकारी के अनुसार तल्ला जोहार क्षेत्र में भी दो बजे से लगातार बारिश है। तेज गर्जना के साथ हो रही बारिश से मौसम डरावना बना हुआ है। जिले के अन्य तहसील क्षेत्रों में भी मौसम खराब बना हुआ है। जिला मुख्यालय में सोमवार की देर सायं भारी बारिश हुई । इस दौरान जंगलों में वज्रपात होने और लगातार बिजली कड़कने से मौसम भयावह बना रहा। मंगलवार भी अपरान्ह से मौसम खराब हुआ है और बारिश की संभावना बनी है। जिले में व्यास घाटी में गर्बाधार लिपुलेख मार्ग को छोड़कर सभी मार्ग खुले हैं। गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग बूंदी से छियालेख के मध्य मोड़ चौड़ीकरण कार्य के चलते बंद है। बीआरओ के अनुसार आठ मई तक मार्ग खुलने की संभावना है। ========= आलू के लिए वरदान साबित होगी बारिश मुनस्यारी: इस वर्ष समय से बारिश नहीं होने से मुनस्यारी और धारचूला के ऊंचाई वाले स्थानों पर आलू की फसल प्रभावित हो गई थी। जमीन में बोये गए आलू के बीच अंकुरित नहीं हो रहे थे। मई माह प्रारंभ होते ही बारिश होने से बर्बादी की तरफ बढ़ रही आलू की फसल को जीवनदान मिल चुका है। बुजुर्ग काश्तकार त्रिलोक सिंह बताते हैं कि मई माह के प्रथम सप्ताह में हुई बारिश से जमीन के अंदर डाला गया बीज अंकुरित होगा। इस समय की बारिश से फसल भी अच्छी होगी। ======= वन विभाग ले रहा है राहत की सांस बीते दिनों बारिश बंद होने के बाद घाटी क्षेत्र के जंगल एक बार फिर धधकने लगे थे। जंगलों की आग बढ़ने से वन विभाग की समस्या भी बढ़ती जा रही थी। विगत चार दिनों से जिले के सभी क्षेत्रों में बारिश होने से जंगलों की आग बुझ चुकी है।