सीमांत के लोगों को ओमान की डिश का स्वाद चखा रहे हैं प्रवासी संजय
लॉकडाउन के दौरान ओमान से लौटे संजय पिथौरागढ़ के लोगों को ओमान के भोजन का स्वाद चखा रहे है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : कोरोना के चलते विदेशों से लौटे युवा अब अपनी धरती पर कुछ नया करने की कोशिश में जुट गए हैं। इनमें कुछ युवाओं ने खेती किसानी को अपनाया है तो कुछ अब तक के अपने कौशल के जरिए ही आगे बढ़ने की राह तलाश रहे हैं। ऐसे ही ओमान से लौटा एक युवा सीमांत कस्बे मदकोट में लोगों को ओमान की डिश परोस रहा है।
मदकोट निवासी संजय धामी ओमान में कुक का काम करते थे। कोरोना संकट के चलते वे मई माह में वापस लौट आए। फिलहाल विदेश जाने की कोई संभावना नहीं है। इसे देखते हुए संजय ने मदकोट में ही स्वरोजगार का निर्णय लिया। खेती किसानी में ज्यादा मन नहीं था तो उन्होंने अब तक हासिल किए अपने कौशल को ही आगे बढ़ाने का निर्णय लिया और मदकोट में चिकन कार्नर खोल दिया। वे अपने प्रतिष्ठान में भारतीय स्टाइल के चिकन के साथ ही खाड़ी के देशों की रेसेपी से भी नई-नई डिश तैयार कर रहे हैं। लोगों को उनके द्वारा तैयार डिश खूब भा रही है। उन्होंने अपने साथ क्षेत्र के ही कुछ युवाओं को भी जोड़ा है, जिनकी मदद से वे होम डिलीवरी की सुविधा भी लोगों को दे रहे हैं। संजय का कहना है कि वे अभी शुरू आती चरण में हैं। रिस्पांस सही मिला तो वे मदकोट को ही अपनी कर्मभूमि बनायेंगे। उनकी मंशा जिले में वापस लौटे प्रवासियों को जोड़कर एक फूड चेन तैयार करने की है। इसके लिए वे इस क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के साथ सम्पर्क कर रहे हैं। क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा है कि बाहर से लौटे युवाओं में कौशल की कमी नहीं है। शासन-प्रशासन को युवाओं के इस कौशल को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी योजनाओं का रू ख इस ओर मोड़ना होगा।