अब आम जनता भी कर सकेगी पाल वंश की ऐतिहासिक वस्तुओं का दीदार
गोविंद भंडारी अस्कोट 700 वर्षो तक शासन करने वाले पाल राजवंश की ऐतिहासिक वस्तुओं और क
गोविंद भंडारी, अस्कोट: 700 वर्षो तक शासन करने वाले पाल राजवंश की ऐतिहासिक वस्तुओं और कलाकृतियों का दीदार अब आम जनता भी कर पाएगी। सरकार ने अस्कोट राजदरबार परिसर में संग्रहालय की स्वीकृति दे दी है। 20 लाख की लागत से बनने वाला यह संग्रहालय जनवरी 2020 तक तैयार होगा।
अस्कोट कस्बे को कत्यूरी राजवंश की राजधानी का गौरव हासिल है। सन 1279 से 1967 तक यहां पालवंश की राजधानी रही। इस काल की तमाम ऐतिहासिक वस्तु और दुर्लभ कलाकृतियां आज भी देवल राजदरबार परिसर में मौजूद हैं, लेकिन आम जनता आज तक इन्हें देख पाने से वंचित है। इसे देखते हुए पाल राजवंश की 108 वीं पीढ़ी के वंशज कुंवर भानुराज पाल ने परिसर में एक संग्रहालय बनाए जाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था। सरकार को यह प्रस्ताव बेहद पसंद आया। संग्रहालय बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने 20 लाख की स्वीकृति दे दी है। यह धनराशि बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत दी जाएगी। निर्माण एजेंसी कुमाऊं मंडल विकास निगम ने संग्रहालय निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है, जिसके जनवरी 2020 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। निर्माण पूरा होते ही संग्रहालय आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इस पहल से अस्कोट कस्बे में पर्यटन कारोबार को भी बल मिलने की संभावना है। ========= कैलास मानसरोवर यात्रियों के लिए हर वर्ष लगाई जाती है प्रदर्शनी अस्कोट: कैलास मानसरोवर यात्रियों को अस्कोट रियासत की ऐतिहासिक वस्तुओं का दीदार कराने के लिए हर वर्ष मिर्थी आइटीबीपी परिसर में प्रदर्शनी लगाई जाती है। प्रत्येक दल मिर्थी पहुंचने पर इस प्रदर्शनी में लगी वस्तुओं को देखता है। यात्रियों को इस दौरान पाल राजवंश के इतिहास की जानकारी भी दी जाती है। ========= फोटो: 5 पीटीएच 28 देवल राजदरबार परिसर में संग्रहालय बनाने का सरकार का फैसला सराहनीय है। संग्रहालय के साथ ही इसके सौंदर्यीकरण और यहां आने वाले लोगों के लिए शौचालय आदि भी बनाए जाने की जरू रत है।
- कुंवर भानुराज पाल, पाल राजवंश के वंशज