हर गली और नुक्कड़ पर चुनाव परिणामों का शोर
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: निकाय चुनाव का जनादेश मतपेटियों में स्ट्रांग रू म में जमा है। जनता
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़: निकाय चुनाव का जनादेश मतपेटियों में स्ट्रांग रू म में जमा है। जनता ने क्या जनादेश दिया है यह मंगलवार को बाहर निकलेगा। जनादेश क्या है इसे लेकर हर गली और नुक्कड़ पर हो रही चर्चाएं जोरों पर है। कहीं भाजपा तो कहीं कांग्रेस जीत रही है। हर चर्चा में घंटी बजने को लेकर राजनीतिक पंडितों की नींद उड़ रही है।
मंगलवार को किसके सिर ताज सजेगा और कौन बेकार होगा यह बात हर मुंह से सुनाई दे रही है। सियासी दलों के समीकरण को एक निर्दलीय के पक्ष में चल रही हवा के बिगाड़ने को सभी मान कर चल रहे हैं। नगर की जनता आज तक सियासी दलों के साथ ही रही है। जिसके चलते यहां के मतदाता का स्वभाव राष्ट्रीय दलों के साथ चलने का माना जाता रहा है। रविवार को हुए मतदान के बाद चर्चाओं का विषय भी बदला हुआ है। सियासी दल भी मतदान के दिन चली हवा को लेकर बेचैनी महसूस कर रहे हैं। दोनों सियासी दलों के लोग बाहर से भाजपा , कांग्रेस के बीच मुकाबला बताते हैं परंतु घंटी चुनाव चिन्ह की बात आते ही उनके समीकरण बदल जा रहे है।
पिथौरागढ़ नगरपालिका का चुनाव अभी तक भाजपा और कांग्रेस के मध्य ही चलता रहा है। विगत पच्चीस वर्षो के अंतराल में यहां पर तीन बार भाजपा का कब्जा रहा हे तो दो बार कांग्रेस ने अपना परचम लहराया है। इस सीट पर भाजपा के पहले अध्यक्ष जगजीवन सिंह कन्याल बने थे। उनके बाद सीट महिला आरक्षित हुई तो भाजपा की प्रेमा सेन अध्यक्ष चुनी गई। पंद्रह वर्ष पूर्व कांग्रेस के जगत सिंह खाती ने इस सीट पर कांग्रेस को विजय दिलाई। उसके अलग चुनाव में फिर भाजपा के राजेंद्र सिंह रावत काबिज हो गए। गत चुनाव में कांग्रेस के जगत सिंह खाती ने फिर सीट पर कब्जा जमाया। चौथी बार भिड़े हैं खाती और रावत पिथौरागढ़: भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी चौथी बार आमने -सामने हैं। वर्ष 2003 के चुनाव में कांग्रेस के जगत सिंह खाती और भाजपा के राजेंद्र रावत आमने सामने थे। इस चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। 2008 में एक बार फिर दोनों आपस में भिड़े तो भाजपा के राजेंद्र रावत ने जीत हासिल की । गत चुनाव में फिर दोनों मैदान में उतरे तो कांग्रेस के जगत सिंह खाती ने बाजी मारी। इस बार फिर दोनों प्रतिद्वंदी आमने सामने हैं । कौन बाजी मारेगा इसका फैसला चंद घंटों बाद हो जाएगा। घंटी की आवाज से सहमे हैं सियासी दल
पिथौरागढ़: निकाय चुनावों में पिथौरागढ़ में पहली बार किसी निर्दलीय की गूंज राष्ट्रीय दलों के लिए असहज बनी है। व्यापार संघ अध्यक्ष एवं पूर्व सैनिक शमशेर महर ने इस बार दलों का चैन उड़ाया है। घंटी चुनाव चिन्ह के साथ चुनाव लड़ने शमशेर महर के पक्ष में पहली बार नगर में किसी निर्दलीय को लेकर हवा दिखने को मिली। जिसका रु झान रविवार को बूथों पर दिखाई दिया। यदि यह हवा मतदान में तब्दील हुई हो तो नगर के मतदाताओं को अपना समझने वाले दोनों के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।