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मुनस्यारी महोत्सव समिति ने नामिक गांव तक घोड़ों से पहुंचाई राहत सामग्री

पिथौरागढ़ के दुर्गम क्षेत्र नामिक गांव तक मुन्यारी महोत्सव समिति ने घोड़ों द्वारा राहत सामग्री पहुंचाई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 09:47 PM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2020 06:13 AM (IST)
मुनस्यारी महोत्सव समिति ने नामिक गांव तक घोड़ों से पहुंचाई राहत सामग्री
मुनस्यारी महोत्सव समिति ने नामिक गांव तक घोड़ों से पहुंचाई राहत सामग्री

पिथौरागढ़, जेएनएन : जिले की मुनस्यारी तहसील के छोर पर 27 मीटर की ऊंचाई पर बसे नामिक गांव के ग्रामीणों को कोरोना वायरस से देश और दुनिया में मचाई जा रही तबाही की स्पष्ट जानकारी तक नहीं है। बस लाकडाउन के बारे में जानते हुए इस सीमा छोर के ग्रामीण अपने गांव से बाहर नहीं जा रहे हैं। गांव की सीमा में ही सिमटे इन ग्रामीणों के लिए मुनस्यारी महोत्सव समिति के सदस्यों ने घोड़ों से राहत सामग्री पहुंचाई। पिथौरागढ़ जिले के इस अंतिम गांव तक जाने के लिए वाया बागेश्वर होते जाना पड़ा।

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घोड़ों से राहत सामग्री ढोकर समिति के लोग छह किमी की चढ़ाई चढ़कर बागेश्वर के गोगिना होकर नामिक गांव पहुंचे। पिथौरागढ़ जिले में थल -मुनस्यारी मार्ग पर बला से 27 किमी की पैदल दूरी पर स्थित नामिक गांव तक पैदल पहुंचना अति कठिन है। पहली बार गांव में राहत सामग्री पहुंची। गोगिना के दो और नामिक के 114 परिवारों को राहत सामग्री बांटी गई। ग्रामीणों को कोरोना से देश सहित विश्व भर में हुई तबाही के बारे में जानकारी दी गई। वास्तविकता को सुनने के बाद ग्रामीणों ने मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। =========== एक माह से खराब है उरेडा की विद्युत लाइन

नामिक गांव अभी भी सड़क, संचार से वंचित है। यहां पर प्रकाश के लिए उरेडा की एक पचास किलोवाट की परियोजना है। इस परियोजना से उत्पादित बिजली से गांव में उजाला होता है। ग्राम प्रधान तुलसी देवी ने बताया कि उरेडा की परियोजना एक माह से खराब है। लॉकडाउन हुए भी एक माह बीत चुका है। जिसके चलते विभाग को कोई भी कर्मी लाइन ठीक करने नहीं आया है। ग्रामीणों को बस लॉकडाउन की जानकारी भर है। ======== घबराए हैं दीन, दुनिया की खबरों से बेखबर ग्रामीण नामिक गांव में संचार की कोई सुविधा नहीं है। यहां पर मोबाइल में कभी कभार पहाड़ की चोटी में जाकर सिग्नल आते हैं। एक माह से बिजली नहीं होने से ग्रामीणों के मोबाइल फोन बंद हैं। बिजली नहीं होने से टेलीविजन भी नहीं चलता है। ग्रामीणों को देश सहित दुनिया की खबरें तक नहीं मिल रही हैं। नामिक विद्यालय के शिक्षक एवं नामिक गांव निवासी भगवान सिंह जैमियाल ने बताया कि गांव के सभी लोग आगे क्या होगा इसे लेकर घबराए हैं। बिजली लाइन ठीक हो जाती तो समाचारों के माध्यम से ग्रामीणों को भी स्थिति का पता चलता। देश, दुनिया के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अन्य कोई माध्यम नहीं होने से ग्रामीण घरों से कम निकलते हैं। खेतों तक जाने से भी डर रहे हैं। समिति के हीरा सिंह चिराल ने एसडीएम से भेंट कर उरेडा की बिजली लाइन ठीक कराने की मांग की है। ========== जैविक आलू और राजमा उत्पादक गांव है नामिक नामिक गांव जैविक आलू और राजमा उत्पादन के लिए जाना जाता है। वहीं नामिक ग्लेशियर की गोद में लगभग नौ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित गांव अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। ग्रामीणों की आजीविका का मुख्य साधन भी आलू और राजमा है। ======= नामिक गांव में उरेडा की विद्युत लाइन खराब होने की सूचना मिली है। इस संबंध में उरेडा के अधिकारियों से बात कर शीघ्र कराने को कहा जा रहा है।

- बीएस फोनिया, एसडीएम, मुनस्यारी


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