लगातार हो रही बारिश से नगर के दो हजार से अधिक हैंडपंपों को मिला पुनर्जीवन
पिछले एक सप्ताह से नियमित हो रही बारिश से हैंडपंप रिजार्च हुए है।
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़ : पिछले एक सप्ताह से नियमित हो रही बारिश से जहां जंगलों की आग काबू में आ गई है वहीं नगर में लगे दो हजार से अधिक हैंडपंपों को भी पुनर्जीवन मिल गया है। सूख रहे हैंडपंपों से अब पर्याप्त जल निकलने लगा है। इससे कई परिवारों को राहत मिली है।
जिला मुख्यालय के निचले इलाकों में आज भी तमाम परिवार हैंडपंपों से अपनी पानी की जरूरत पूरा करते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में भूगर्भीय जल का ठहराव नहीं होने से हैंडपंपों को जमीन के भीतर वाटर चैनलों से पानी मिलता है। ग्रीष्म काल में वाटर चैनलों में पानी कम हो जाने पर हैंडपंप सूखने लगते हैं। इस वर्ष भी अप्रैल माह में पारा तेजी से बढ़ जाने से हैंडपंपों से पानी का डिस्जार्च बेहद कम होने लगा था। कई परिवार इस समस्या से परेशान थे।
इधर मई माह की शुरुआत से ही हर रोज बारिश हो रही है। नियमित तौर पर हो रही बारिश से हैंडपंपों को अब वाटर चैनलों से पर्याप्त पानी मिलने लगा है। अब मानसून काल ज्यादा दूर नहीं है ऐसे में हैंडपंप से पानी लेने वाले परिवारों को इस वर्ष संकट नहीं झेलना पड़ेगा। ===== हैंडपंपों से मिलता है दो एमएलडी पानी नगर में लगे हैंडपंपों से हर रोज दो से ढाई एमएलडी तक पानी मिलता है। नगर को इस समय 12 एमएलडी पानी की जरूरत हर रोज पड़ती है। पेयजल योजनाओं से 10 एमएलडी तक पानी नगर में पहुंच रहा है। शेष जरूरत हैंडपंप पूरी कर रहे हैं। कई परिवारों ने सरकारी पेयजल योजनाओं से संयोजन नहीं ले रखे हैं, ऐसे परिवार हैंडपंप से ही अपनी जरूरत पूरी कर लेते है। ====== ठुलीगाड़ और भैंलोत योजना में बड़ा पानी नगर को पेयजल की आपूर्ति करने वाली ठुलीगाड़ और भैंलोत पेयजल योजना में भी पानी की मात्रा बढ़ गई है। अप्रैल माह में दोनों पेयजल योजनाओं में पानी की मात्रा कम होने से नगर में पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पा रहा था। भैंलोत पेयजल योजना से एक एमएलडी की जगह आधा ही पानी नगर में पहुंच पा रहा था। लगभग यही स्थिति ठुलीगाड़ पेयजल योजना की भी थी। बारिश होने से दोनों योजनाओं के स्त्रोत में पानी बढ़ जान से जल संस्थान को भी राहत मिली है। ==== लगातार हो रही बारिश से पेयजल योजनाओं के स्त्रोतों में पानी की मात्रा बढ़ गई है। इससे नगर में पेयजल आपूर्ति की मात्रा बढ़ी है। अगले कुछ दिनों तक ठुलीगाड़ और भैलोत पेयजल योजना से पर्याप्त पानी मिलता रहेगा।
- सुरेश जोशी, अधिशासी अभियंता, जल संस्थान